Book Title: Jain Agam Prani kosha
Author(s): Virendramuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 70
________________ 56 दब्भपुप्फ [दर्भपुष्प] प्रश्नव्या 17 प्रज्ञा. 1/70 Leaf-nosed snake-दर्भपुष्फ सर्प, दर्भकुसुम, पत्रपुष्फ । आकार - लगभग 4-5 फीट तक लम्बा । लक्षण - शरीर का रंग भूरा लाल । पत्ता या दर्भ की भांति मुख । विवरण- घने जंगलों में पाया जाने वाला यह सर्प साधारण सर्पों की अपेक्षा विषैला होता है। क्रोधावस्था में पत्र के आकार का फन फैलाकर फुफकारता है । [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य- Encyclopedia in colour, Indian Reptiles, Indian Common Snake] दव्वीकर [दवकर प्रज्ञा. 1/70 4/9 The Expanded hood of a Snake, A snake having Hood-फन वाले सांप । आकार- छोटे, बड़े लगभग सभी आकार के । लक्षण - इन सर्पों का सिर चिपटा, मुड़ा हुआ थूथनी के समान होता है, जिसके पीछे गरदन की खाल फैल कर फन का रूप धारण कर लेती है। ये प्रायः सभी रंगों में पाए जाते हैं । विवरण- फन वाले सर्पों की अनेक जातियां पाई जाती हैं। ये अन्य सर्पों की अपेक्षा विषैले, शीघ्र कुपित होने वाले तथा डरावने होते हैं। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य - जानवरों की दुनिया ] दिट्टिक्स [दृष्टिविष] प्रज्ञा. 1/70 A kind of Cobra-दृष्टिविष (दृष्टि में विष वाले) विवरण - दृष्टिविष नाग की ही एक प्रजाति है । यह दृष्टि से विष प्रक्षेप करता है। वर्तमान में प्राप्य सर्पों में इस प्रकार की जाति का सर्प प्राणी - शास्त्रज्ञ के लिए अभी तक खोज का विषय है। दिली [दिली] प्रज्ञा. 1 / 58 A Kind of Crocodile - घड़ियाल की एक जाति देखें- ग्राह Jain Education International दिलिवेढ्य [ दिलिवेष्टक] प्रश्नव्या. 1/6 Sea-horse Hippocampus-पंछ से लपेटने वाला जलीय प्राणी, समुद्री घोड़ा । आकार -4-30 सेमी. लम्बा घोड़े के आकार का प्राणी । लक्षण - मुंह शेष शरीर से लगभग समकोण पर मुड़ा होता है। दोनों आंखों को यह अलग-अलग घुमा सकता है। पानी में खड़े-खड़े तैरता है। शरीर छोटी-छोटी हड्डी की प्लेटों से ढंका रहता है। विवरण - विश्व के सभी जैन आगम प्राणी कोश | महासागरों में पाया जाने वाला यह मत्स्य अपनी पूंछ को किसी पौधे में लपेटकर जल में खड़ा रहता मादा - समुद्री घोड़ा अपने अंडे नर की पीठ पर बनी एक थैली में देती है। इसी थैली में अण्डों का निषेचन तथा विकास होता है। विश्व भर में इनकी सैकड़ों प्रजातियां पाई जाती हैं। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-incyclopedia in colour, Man and Animals] दिव्वा [दिव्या] प्रज्ञा. 1/71 [पा.] Koral - कोरल, दीप्ति युक्त चमकीला सर्प । आकार - 2 से 3 फीट लम्बा । लक्षण - सिर छोटा तथा शरीर पर अत्यन्त सुंदर चित्रकारी । विषदंत बहुत लम्बे । विवरण - इनकी अनेक जातियां अमेरिका महाद्वीप में पाई जाती हैं। ये असाधारण मनोहर होते हैं । उन पर अत्यन्त सुंदर चित्रकारी बनी रहती हैं। उन्हें देखने से ऐसा प्रतीत होता है मानो चमकते हुए चटकीले लाल और पीले मूंगे के छिलके एक के पीछे एक जड़ दिए गए हों। आश्चर्य की बात है कि ये सर्प अत्यन्त विषैले होते हैं। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-जानवरों की दुनिया, For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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