Book Title: Jain Agam Prani kosha
Author(s): Virendramuni
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 30
________________ 16 जैन आगम प्राणी कोश विवरण-इसकी अनेक जातियां लकड़ी में छिपकर जाती हैं। यह बहुत शर्मीला किंतु सतर्क रहने वाला लकड़ी को खाती हैं तथा उसमें सुरंगें-सी बना लेती हैं। . यह लकड़ी को भीतर ही भीतर कमजोर कर मिट्टी जैसी बना देती हैं। विवरण के लिए द्रष्टव्य-Nature, Incyelopedia in-Colur, सचित्र विश्व कोश, फसल-पीड़क कीट] कणग [कनक] प्रज्ञा. 1/51 [पा.] Grain-Wom-अनाज के घुन (कनक)। प्राणी है। जरा-सी आहट पाते ही गर्दन ऊंची कर तथा [Sitophilus oryzae Linnaeus) दुम गिराकर छुप जाता है। आकार-जूं के आकार का जंतु। [विवरण के लिए द्रष्टव्य-K.N. Dave पृ. 277] लक्षण-3 मिलीमीटर लम्बा लाल-भूरा कीट । जिसका कण्हसप्प [कृष्ण सर्प] प्रज्ञा. 1/70 थूथन सूंड की तरह थोड़ा आगे निकला होता है। एक Black-Cobra-कालासर्प अहीराज, कृष्ण सर्प जोड़ा अधोहनु मजबूत जवड़ा इसकी प्रमुख विशेषता (मलयालम), संखमुखी, संखचुर (बंगाली)। आकार-लगभग 5-6 फीट लम्बा। विवरण-इसकी अनेक जातियां हैं। यह अन्न के लक्षण-इसका फन शेष नाग से भी बड़ा होता है। गोदामों में बहुलता से पाया जाता है। कभी-कभी अन्न के गोदामों से उड़कर आस-पास के खेतों में पहुंच जाता फन के पीछे की ओर गाय के खुर की भांति काला और सफेद चिह्न होता है। फन के आगे प्रायः एक या दो धब्बे होते हैं। [विवरण के लिए द्रष्टव्य-जानवरों की दुनिया, फसल विवरण-यह केवल मलाया महाद्वीपों में ही पाया पीड़क कीट, Nature] या जाता है। छेड़ने पर शीघ्र ही सिर उठाकर फन फैलाए धनुषाकार रूप में अपनी गर्दन टेड़ी करके खड़ा हो जाता कणिक्कामच्छ [कणिक्कामत्स्य] प्रज्ञा. 1/156 है। काटते समय बहुत देर तक शत्रु के शरीर में दांत A kind of Rice Fish-तंदुल मत्स्य की एक जाति। घसेडे रहता है ताकि काफी विष प्रवेश कर जाय और विवरण-वर्तमान में यह काणलिमत्स्य और कर्णफल शिकार बचने न पाए। नाम से जाना जाता है। शेष विवरण के लिए [विवरण के लिए द्रष्टव्य-जानवरों की दुनिया, Indian द्रष्टव्य-तंदुल मत्स्य। Reptiles, common Indian Snakes] कण्णत्तिय [कण्णत्तिय कर्णत्रिक] प्रज्ञा. 1/48 कप्पास ट्ठिसमिंजिय [कर्पासस्थिमिंजिय] प्रज्ञा. Grey Jungle Fowl-जंगली मुर्गा, घूसर वन 1/50 उत्त. 36/138 कुक्कुट। White fly in the kernel of cotton आकार-देहाती मुर्गों के समान। seed-कासास्थि मिंजक, कपास की सफेद मक्खी। लक्षण-शरीर के ऊपर का रंग पीलापन लिए हुए भूरा आकार-लगभग 1 मि.मी. लम्बा कीट। तथा नीचे का रंग हरा-काला, नीला युक्त होता है। सिर लक्षण-वयस्क होने पर सफेद पंख होते हैं जिन पर पर लाल रंग की कलंगी से पहचाना जा सकता है। नसें दिखाई देती हैं। ऐसा प्रतीत होता है जैसे उन पर विवरण-इसकी अनेक प्रजातियां विश्व-भर में पाई मोम लगा हो। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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