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जैन आगम प्राणी कोश
से पूर्व पानी में तेजी से कुछ सरकता है, कुछ दौड़ता है, कुछ उड़ता है। काफी कोशिश से दौड़ने के बाद, लक्षण-इनके छः पैर तथा शरीर तीन भागों में विभक्त फिर ऊपर उठता है किन्तु एक बार हवा में पहुंच कर होता है। पंखों पर चिमड़े (Scales) बने होते हैं। फिर कुशलता पूर्वक उड़ता रहता है। साफ तथा तेज विवरण-बहुरंगों वाली तितलियों की लगभग 5 हजार तूर्यनाद जैसी कूजन जो रात को अक्सर सुनाई देती प्रजातियां पाई जाती हैं। ये आमतौर से धूप में बगीचों
या बगीचों के आस-पास फुदकती दिखाई देती हैं। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-K.N. Dave पृ. 30 1, विश्राम अवस्था में अपने पंख ऊपर उठाए रहती हैं। भारत के पक्षी, सचित्र विश्व कोश]
इनका शरीर दुबला-पतला होता है। तितली के जीवन
की चार अवस्थाएं होती हैं- अंडा, लार्वा, प्यूपा और वय कालोइक [कालोइक] अंवि पृ. 226
प्राप्त कीट। तितली के लार्वा बहुत तेजी से खाते और Chinchilla-नकुल की एक जाति, मंगूसा, चिंचिला, बढ़ते हैं, जिससे इनके शरीर का खोल फट जाता है। कालोकी।
ये अपने खोल कई बार बदलते हैं। इनका नया खोल आकार-10 इंच लम्बा गिलहरी के समान दिखने पहले खोल से बहुत भिन्न होता है। फूलों फलों आदि वाला भुजपरिसर्प प्राणी।
का रस इनका मुख्य भोजन है। लक्षण-अति सुन्दर कोमल कबूतरी रंग का फर होता विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-Nature, Manand है। लम्बी टांगें खरगोश की तरह प्रतीत होती हैं। मग. animals incyclopedia in colour] विवरण-यह प्राणी दक्षिण अमेरिका के चिली देश में विशेष रूप से पाया जाता है। यह सूखी चट्टानों को खोद किण्हमिग [कृष्णमृग] आ.चू. 5/15 निसि. 7/10 सकता है। सूखी घास आदि खाने वाला शाकाहारी जीव Black Deer, Black buck-काला हिरण। है। इनकी सुन्दर खाल के कारण इन्हें बहुतायत में मारा आकार-4 फीट लम्बा काले रंग का हिरण। गया, जिससे ये अब केवल चिली देश में ही स्वतंत्र रूप लक्षण-यह सामान्य हिरण के समान होता है लेकिन से पाए जाते हैं।
इसके सींग सुन्दर आकार लिए घुमावदार होते हैं। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-Nature, Manand विवरण-यह भारत एवं पाकिस्तान में पाया जाता है। animals, Incyclopedia in colour]
50 मील प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है। नर
काले या गहरे भूरे रंग का होता है, परन्तु मादा पीले किण्हपत्त [कृष्णपत्र] प्रज्ञा. 1/51.
भूरे रंग की होती है। Butterfly of Black wings-कृष्णपत्र वाली तितली। [विशेष विवरण के लिए द्रष्टव्य-राजनिघंटु पृ. 562, आकार-पतंगों के समान बहुरंगी आकार वाली। कैयदेवनिघंटु पृ. 456]
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