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जैन आगम प्राणी कोश
इसका विष भयंकर तथा जलन पैदा करने वाला होता
[विवरण के लिए द्रष्टव्य-जानवरों की दुनिया, रेंगने art groft, Indian Reptiles, Nature]
काउल्ली [काउल्ली] सू.चू. पृ. 56 Little-Egret-छोटा बगुला, किलचिया, करचिया (बंगला)।
गदन की अपेक्षा बड़ा होता है। विवरण-भारत-पाकिस्तान, अफ्रीका आदि में इनकी लगभग छः प्रजातियां पायी जाती हैं। इनमें से कुछ सर्प पानी में एवं कुछ जंगलों में रहते है। इनका विष सीधा तंत्रिका तंत्र पर प्रभाव डालता हैं। इनके काटने पर पहले दर्द होता है। फिर कुछ समय बाद जहर तंत्रिका तंत्र एवं मस्तिष्क तक पहंच जाने पर चलना-फिरना असंभव हो जाता है और व्यक्ति सांस भी नहीं ले पाता। [विवरण के लिए द्रष्टव्य-Indian Reptiles, Nature]
काकाकाक] ठाण. 2/325 भग. 3/33 प्रश्नव्या. 1/29 प्रज्ञा. 1/79 अनु. 546
आकार-18-22 इंच लम्बा। लक्षण-शरीर का रंग सफेद, चोंच और पैरों का रंग काला। विवरण-विश्वभर में इसकी 64 प्रजातियां पाई जाती हैं। यह नदी-नालों, झीलों आदि के किनारे अकेला या झुंड में पाया जाता है। उड़ते समय गर्दन अन्दर की ओर कर लेता है।
काओदर काकोदर] प्रश्नव्या. 1/8, प्रज्ञा. 1/70 Common Krait-करैत, काकोदर, काला गदैत, House-crow-कौवा, देसी कौवा, घरेलू कौवा। कालोदर, कालातरो (गुजराती), कंदर (मराठी), आकार-लगभग 17 इंच लम्बा और कबूतर से बड़ा। कातुविरियन (तमिल)।
लक्षण-शरीर का रंग काला सफेद । गर्दन भूरी एवं आकार-लगभग 3-5 फीट लम्बाजी आंखें जल्दी जल्दी घूमने वाली। लक्षण-शरीर का रंग गहरा काला-नीला। कहीं कहीं विवरण-धूर्तता एवं चालाकी के लिए प्रसिद्ध यह पर सफेद चकते भी होते हैं। आंखें एवं पूंछ छोटी । मुख पक्षी भारत, पाकिस्तान, ढाका आदि देशों में बहुलता Jain Education International For Private & Personal Use Only
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