Book Title: Gurugunshat Trinshtshatrinshika Kulak
Author(s): Hemchandrasuri
Publisher: Sanghvi Ambalal Ratanchand Jain Dharmik Trust

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Page 169
________________ पृष्ठाङ्काः विषयाः पृष्ठाङ्काः | विषयाः ॥ सप्तदशषट्त्रिंशिकाविषयोपक्रमः॥ ॥ द्वाविंशतितमषट्त्रिंशिकाचतुर्दशगुणस्थानस्वरूपम् ...... २०७-२०८ विषयोपक्रमः॥ प्रतिरूपादिचतुर्दशगुणोपदर्शनम् ....... २०८ | अष्टादशशीलाङ्गोपदर्शनम् ............ २१७ अष्टविधसूक्ष्मोपदर्शनम् ............... २०९ अष्टादशब्रह्मोपदर्शनम् ......... २१७-२१८ ॥ अष्टादशषट्विंशिकाविषयोपक्रमः॥ | ॥ त्रयोविंशतितमषट्विंशिकापञ्चदशयोगस्वरूपम् .................. २०९ विषयोपक्रमः॥ पञ्चदशसञ्ज्ञास्वरूपम् ......... २०९-२१० | एकोनविंशत्युत्सर्गदोषस्वरूपम् ....... २१८ त्रिविधगारवस्वरूपम् ................. २१० | सप्तदशविधमरणस्वरूपम् ...... २१८-२१९ त्रिविधशल्योपदर्शनम् ................ २१० | ॥ चतुर्विंशतितमषट्विंशिका॥ एकोनविंशतितमषट्त्रिंशिका | विषयोपक्रमः॥ विषयोपक्रमः॥ | विंशत्यसमाधिस्थानस्वरूपम् ......... २२० षोडशोद्गमदोषस्वरूप दशविधैषणादोषस्वरूपम् ...... २२०-२२१ निरूपणम् .......... २११-२१२ | पञ्चविधग्रासैषणास्वरूपम् ............ २२१ षोडशोत्पादनादोषस्वरूपनिरूपणम् .... २१२ | एकविधमिथ्यात्वस्वरूपम् ..... २२१-२२२ चतुर्विधाभिग्रहोपदर्शनम् ............. २१३ | ॥ पञ्चविंशतितमषट्विंशिका॥ विंशतितमषट्विंशिका विषयोपक्रमः॥ विषयोपक्रमः॥ | एकविंशतिशबलस्थानस्वरूपम् २२२-२२३ षोडशवचनविधिस्वरूपम् ............ २१३ | पञ्चदशविधशिक्षास्वरूपम् ............ २२३ सप्तदशसंयमोपदर्शनम् ................ २१४ | ॥ षड्विंशतितमषट्त्रिंशिकात्रिविधविराधनोपदर्शनम् .............. २१४ | विषयोपक्रमः॥ ॥ एकविंशतितमषट्त्रिंशिका- | द्वाविंशतिपरीषहस्वरूपम् ............. २१४ विषयोपक्रमः॥ चतुर्दशविधाभ्यन्तरग्रन्थोपदर्शनम् ..... २१४ अष्टादशविधनरदीक्षादोषस्वरूप ॥ सप्तविंशतितमषट्त्रिंशिकानिरूपणम् ............. २१४-२१५ विषयोपक्रमः॥ अष्टादशपापस्थानस्वरूप पञ्चविधवेदिकादोषोपदर्शनम् ......... २२५ निरूपणम् .............. २१६-२१७ | आरभटादिषड्विधदोषोपदर्शनम् ...... २२५ श्रीगुरुगुणषट्त्रिंशत्षट्त्रिंशिकाकुलकविषयानुक्रमणिका ...१५४...

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