Book Title: Epigraphia Indica Vol 18
Author(s): H Krishna Shastri, Hirananda Shastri
Publisher: Archaeological Survey of India

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Page 283
________________ 226 EPIGRAPHIA INDICA. [VoL. XVIII. 13 धिराजपरमेश्वरपरममाहेश्वरथोमदनपालदेवपादानुध्यातपरमभहारकमहाराजाधिरा जपरमेश्वरपरम14 माहेश्वरश्रीमहोविन्दचन्द्रदेवो विजयो । कोटिपत्तलायां सासैमौषग्राम निवासिनो निखिलजनपदानुपगा(ग)तानपि15 च राजराजीयुवराजमग्धिपुरीहितप्रतीहारसेनापतिभांडागारिकाक्षपटलिकभिष ग्नैमित्तिकान्तःपुरिकदूतकरितुरग16 पत्तनाकरस्थानगोकुलाधिकारिपुरुषांचाचापयति वो(बी)धयत्यादिशति च विदितमस्तु भवता यथोपरिसिखि Second Plate. 17 त(ग्राम:) सजलस्थल: सलोहसवणाकरः समत्स्याकरः सपणाकरः सग(तो)षरः समधुकचूतव नवाटिका] वि. 18 ड(ट)पतुण्यतिगोचरपर्यन्तः सो ( )धचतुराघाटविसु(): खसोमापर्यन्तः सम्बत् ११७७ पोह' वाराणस्या कार्तिकपर्वणि 19 गंगोदकेन नात्वा विधिवग्मग्वदेवमुनिमनुजभूतपितगणांस्तर्पयित्वा तिमिरपटच पाटनपटुमहसमुन(ण)रोचिषमुपस्था20 यौषधिपतिशकलसे(0)खरं समर्थ विभुवनचातुर्बासुदेवस्य पूजां विधाय प्रचुरपायसेन हविषा हविर्भुजं दुत्वा मातापित्री21 रामनश्च पुण्ययशोभिवृश्चये गोकरणकुस(स)लतापूतकरतलोदकपूर्वमस्माभिः भारहा जगोचाय पांगिरसवा(बा)हस्पत्यभारहाजत्रिप्रवराय अवस्थीश्रीमाल्हेपौत्राय ठकुरीलाहुलपुत्राय श्रीसाहुलशर्मणे बा( ब्राणाय पाचन्द्राळ यावच्छासनी23 कृत्य प्रदतो(त्तो) मत्वा यथा दोयमानभागभोगकरकू[]प्रवणिकरप्रभृतिसर्जा दायात्(न) तुरुष्कदंडादायं पाज्ञाविधेयीभूय दास्य24 थेति । । भवन्ति चाच बोकाः । . . . . . . . . . (Here follow seven benedictory and iropreostory verses.] 32 . . . . . . . . करणिकठमुरथोत्रीधरेण [लिखितं] [*] No. 25.--VEMALURPADU PLATES OF AMMARAJA II. BY E. HULTZBCH, PA.D.; HALLE (SAALE). For ink-impressions of these copper-plates I am indebted to Rao Bahadur Krishna Sastri, who acquired the plates for the Madras Museum in 1910 from a Muhammadan resident of [The plate gives adysha.-Bd.] [See Ep. Rep. for 1910,p.10, pars.10, and p. 15, App.A, No.4.-Ed.]

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