Book Title: Epigraphia Indica Vol 18
Author(s): H Krishna Shastri, Hirananda Shastri
Publisher: Archaeological Survey of India

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Page 305
________________ 246 EPIGRAPHIA INDICA. [VoL. XVIII. 26 चितां 'राजधानी' [२५] मण्डलममहाराजसख' यदमूवः। 'महाराज. . सबखामी भावी तख सुतोजनि' [२६] यजम्मकाले देवीरादिष्ठ(ष्ट) विषहो भुवं [1] भोक्तेति हि26 'मवत्मतुपर्यान्ताम्बुधिमेखला [१२७'] योहारोमोघवर्षेण 'वहा ये व युधि हिषः [*] मुक्ता ये विछतास्तेषां भस्मतशृंखलोवृति: [२८] तता: प्रभूतवर्षस्मन्स्वसंपूर्णम27 नोरथः [1] जगतुंगम' मेला भूक्षतासुपरि स्थितः [२८] उद[ति]ष्ठद वष्टम्भं भक्तुं द्रविलभूभा [1] स जागरपचिन्ताखमम्पपश्चान्तचेतसा । [...] प्रखानेन हि . 28 वलं प्रचक्षति स्वच्छादिताच्छादिता धाची विक्रमसाधनेमकलुष विहेषि दृषिों [*] समोरप्युरसो सवेव पवनप्रायासिता यासिता चिव दिगो 29 गमद्रिपुयमसन्तानकं तानक. [२१] पस्यत्वोरलपायचोलिकपसंपनवं पनवं प्रसानिं गमयकालिंगमगधप्रायासको यासकः [*] गळूहुर्जरमोशो-10 30 शौर्यविलयो "लंकारयजुयोगस्तदनिग्यशासनमतसविक्रमी विक्रमः [३२] मितिविनतगंगाखलोवानिष्ठा" मतिमयुरनुकूला "मण्डलमा ख31 त्या [*] "विरजसमहितेनुर्यस्य वाचालिभूमि "परिति विष्टया वेगिनाया दयोपि ॥[२१] रावामात्यवराविव स्वहितकार्यासस्थनष्टौ ठाइण्डेनैव नि32 यम्य मूकबधिरावानीय" हेवापुर [1] "संकातच्छिल तप्रभुप्रतिकती का(ची). [ीमुपेतौ ततः कीर्तिस्तचनिभौ. शिवायतन येत "संस्खापितो" ___[३४*]या38 स्वा कीर्तिस्तलोयाबिनभुवनभरं' भर्तुमासीसमर्थः पुषवाखाकमेकाफसमिति तं जन्म धम्मरनकः [*] किं कर्तुं संयममिचिति" विम 1 Road रावधानों. Motre : šalini. • Read ममी महाराबः सर्गः खो. +Rand महारावर्ग: Motre of this and of the following four versch: Annshţubb. •Road सेतुपर्वताधि. Read tuts. • Read जगतुंग. •Motref o this and of the followingrerne : Bardilaviknigita. Read मौलि. - Read संचारवग्कारबपीये. Read खवापर URead मसभाः खमया. MRead 'ममितेव "Read पतितिमनु. 10 Metre: Malini. Rendaftar M Road संकाव: किच. "Read °मुपेत. Read ofurat. Read खापिते. 11 Metre: Sárdalavikridita * Rend याचा. " Road निचोकी गिन. "Read जना. * Bend aj. 11 Read ago

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