Book Title: Epigraphia Indica Vol 18
Author(s): H Krishna Shastri, Hirananda Shastri
Publisher: Archaeological Survey of India

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Page 306
________________ No. 26.] SANJAN PLATES OF AMOGHAVARSHA I; SAKA-SAMVAT 793. 247 - 34 लय पुण्यगोपानमामाँ स्वर्गप्रोत्तंगसौध प्रति रदनुपमः कीर्तिमे(मे)वानु यात्त:(त:) [२५*] वधूनां वन्धुराणामुचितनिलकुले पूर्वजानां प्रजाना जाता. 35 नां वनभानां भुवनभरितसत्कोतिमूर्त्तिस्थितां [*] चातुं कीर्ति सलोका कलिकलुषमथो तुमंतो रिपूणां श्रीमामि हासनखो "वुधनुतचरितोमोघव. 36 र्ष प्रशस्ति ।[२६] चातु" नमाविजेतं रणशिरसि "परान्प्राथकेभ्यः प्र(1)दातं निर्बीढं रूढिसत्यं धरणिपरिढो नेशोन्यः [*] इत्थं प्रोत्थाय सार्थ पृथुरवपद37 ढकादिमन्द्रप्रघोषो "यसोन्द्रस्येव नित्यं ध्वनति कलिमलध्वन्मिनो मन्दिराये ॥ [२७*] दृष्ट्वा तबवराज्यमूलि[स]बर्मप्रभाव" नृपं भूय' षोडशराज्य38 वत्कृतयुग प्रारम्भ हत्याकुल: [*] मश्यबन्तरनुप्रविश्य विषमो मायाम योसौ कलिः "सामन्तासचिवग्ववान्धवजनानक्षोभयत्स्वीजताम् [३८*] 39 गठमर्च प्रविधाय "त्कूटशपथैरोपवतंचा स्वयं विनिहत्योचितयुक्तकारिपुरषा मा स्वयंपाहिण: [*] परयोषिदुहिता" खसेति न पु. 40 नर्भद पशूनामिव प्रभुरवं कलिकालमित्ववसितं" "सहत्तमुत्तः ॥[२८] विसतमहिमधानि योनि संहत्व धावामितवति महतीन्दोमेण्डा 41 सं ताराका [*] उदयमहिमभागो भाजितास्मप्रतापे विरतवति विजिया खोजितास्तावदेव(:)" [४•*] "गुरुवुधमनुयातमार्यपातालमझा- 42 दुदयगिरिमहिखो रहमार्तण्डदेवः । पुनरुदयमुपेत्योत्ततेजस्विचक्र प्रतिहत मथ कृत्वा लोकमेक' पुनाति [४१] राजात्मा मन एव तस्य 43 सचिवस्मामन्तचक्र पुनस्तनीत्येन्दियवर्ग एष विधिवहागादयस्वकाः [] देहस्थानमधिष्ठित" स्वविषयं भोत स्वतन्त्रः क्षमस्त I Read °सोपान. Read at. • Read यद. • Metre of this and of the following two verses : Sragdhari. • Read बन्धना. • Read बन्धुराणा. [The original rends नामान्प्रनामा.-Rd.] • Rend मूर्तिस्थितानाम्. • Read कीर्ति. 10 Read °सिंहा. " Road बुध. " Read °वर्ष: प्रशाति. 18 Resd urg 16 Read Read यस्ये. mo " Supply समर्ष:. 11 Read #fant. 1* Read mo " Road भूय:- Read युगप्रारम n Rend सचिवाखबान्धव and °खोलतान m Metre: Sardalavikridita. " Road मन्चं. " Read कूट'. - Rend °खचा : • Road पिलि. " Road कासरत्य'. " Rend मुत्तत: * Metro: Mattēbhavikridita. - Read तारकाय. u Metre of this and of the following verse: Malind. M Read 'बुध. - Read 'मौर्य. " Road यीच. - Read मेक: - Read 'द्रौत्येन्द्रिय - Read भो 1 Rend °हित:

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