Book Title: Dharmpariksha
Author(s): Ishwarlal Karsandas Kapadia
Publisher: Mulchand Karsandas Kapadia

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Page 14
________________ नीमाया अने एज वर्षमां श्री समेतशीखरजीनी वीसपंथी कोठीनो हिसाब बरोबर न होवाथी तथा पुरलीआनी कोर्टमा कोठीना रु. ४००००) जमे हता ते आरावाला लइ लेवानी तजवीज करता होवाथी अने जुना कार्यकर्ताओ हिसाब न वतावता होवाथी आरावाला वगेरे सामे खास पोते फरियादी थई सरकारमां केस चलावी ए कोठीनो बहिवट खास नवा टूस्टीओने सोंपाव्यो हतो, जे वखते शेठ चुनीलाले वखतोवखत एमना मामा शेठ माणेकचंद साथे समेतशीखरजी जई अथाग परिश्रम कर्यो हतो. सं. १९६० मां दिगंबर जैन प्रांतिक सभा मुंबाइनी त्रीजी बेठक प्रसंगे सोलापुरमा अगाउथी जई शेठ चुनीलाले सारी गोठवण करी हती. सं. १९६१ मां श्री पावापुरीजीना वहिवट संबंधी एमणे भारे खटपट करी जुना प्रबंधमां सुधारो कयों हतो तथा श्वेतांबरी माईओ सधिना केसमां पण आगवानी भर्यो भाग लीधो हतो. - संवत १९६३ मां हीराचंद गुमानजी धर्मशाळा ( हीराबाग ) ना एक ट्रस्टी नीमाया हता. सं. १९६३ मां माहा मासमां दिगंबर जैन प्रांतिक .कोन्फरन्सनी चोथी वार्षिक बेठक श्री गजपंथाजी तीर्थ उपर थई हती ते वखते शेठ चुनीलाल रिसेप्शन ( स्वागत ) कमीटीना प्रमुख नीमाया हता अने आठ दिवस अगाउ श्री गजपंथाजीमां जई भारे खटपट करी सभा माटे सारी गोठवण करी हती अने वेरान जग्यामां कोन्फरन्स माटे सर्वे प्रकारनी सगवड तैयार करावी हती अने ए प्रसंगे एमणे स्वागत करनारं

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