Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 252
________________ 216 देवतामूर्ति-प्रकरणम् भृकुटि नाम की यक्षिणी पीले वर्ण वाली और सिंह की सवारी करने वाली है। चार भुजाओं में क्रमशः खड्ग, मुद्गर, फरसा और ढाल को धारण करने वाली है। The accompanying yakshini, Bhrikutti, is yellow in colour. She rides a lion and holds a sword, a mudgar, and axe and a shield respectively in her four hands. (33). ९. अजित यक्ष अजित: पुष्पदन्तस्य कूर्मारूढ: सितो भवेत् । बीजपूराक्षसूत्रं च कुन्तं च नकुलं क्रमात् ॥३४॥ नौवें पुष्पदंत (सुविधिनाथ) तीर्थंकर के शासन में अजित नाम का यक्ष है, . वह कछुआ की सवारी करने वाला और सफेद वर्ण का है। वह चार भुजाओं में बीजोरा, अक्षमाला, भाला और न्यौला को धारण करता है। Yaksh Ajit attends on Lord Pushpadanta. Ajit rides on a tortoise and is white in colour. He holds a citron, a rosary, a Kuntam or spear and a mongoose, in the order given, in his four hands. (34). ९. सुतारका देवी सुतारका श्वेतवर्णा वृषारूढा. चतुर्भुजा। वरदं चाक्षसूत्रं चांकुशं च कलशं भवेत् ॥३५॥ . . सुतारका नाम की यक्षिणी सफेद वर्ण वाली और वृषभ की सवारी करने वाली है। चार भुजाओं में क्रम से वरदमुद्रा, अक्षमाला, अड्डश और कलश को धारण करती है। Yakshini Sutarka is white in colour. She rides on a bull and possesses four arms. Sutarka holds one hand in the Varad mode and grips a rosary, a goad and a Kalash water-pot in her remaining three hands. (35). १०. ब्रह्मयक्ष शीतले नाथे स्यात् ब्रह्मा त्र्यक्ष: श्वेतश्चतुर्मुखोऽब्जगः ॥

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