Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 301
________________ देवतामूर्ति-प्रकरणम् ३. भारती देवी वराक्षपद्मपुस्तकं शुभावहा च भारती । भारती नाम की सरस्वती देवी अपनी चारों भुजाओं में क्रम से वरद मुद्रा, माला, कमल और पुस्तक को धारण करती है। 1 263 (iii) Bharati = With one hand in the Varad mode and the other three holding a rosary, a lotus and a book, is the auspicious Bharati. (85a). ४. सरस्वती देवी वराम्बुजाक्षपुस्तकं सरस्वती प्रकीर्त्तिता ॥८४ ॥ सरस्वती देवी की चारों भुजाओं में क्रम से वरद मुद्रा, कमल, माला और है | पुस्तक (iv) Saraswati = The attributes of the renowned Saraswati are one hand in the Varad position and a lotus, a rosary and a book (in the order cited) in the other three. (85). ५. आर्या देवी -- वराक्षं पुस्तकं पद्मं आर्या नाम प्रकीर्त्तिता । वरद, माला, पुस्तक और कमल को धारण करने वाली आर्या नाम की सरस्वती देवी है। (v) Arya = The famed goddess known as Arya has one hand in the Vara ( blessing) mode and possesses a rosary, a book and a lotus in her other hands. (86a). ६. ब्राह्मी देवी वरं पुस्तकाक्षपद्मं ब्राह्मी नाम सुखावहा ॥८६ ॥ वरद, पुस्तक, माला और पद्म को धारण करने वाली ब्राह्मी नाम की देवी है। वह सुखकारक है । (v) Brahmi = The goddess called Brahmi has one hand in the Vara position and holds a book, a rosary and a lotus in the

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