Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 264
________________ देवतामूर्ति-प्रकरणम् कृष्ण वर्ण का और हाथी की सवारी करने वाला है। उसकी दो भुजाओं में दाहिनी भुजा में न्यौला और बाँयी भुजा में बीजोरा है । 228 Lord Mahavir's attendant yaksha is the dark-hued Matanga. Matanga has an elephant for his vahana. In his right hand, Matanga holds a mongoose, and in his left a citron. ( 66 ). २४. सिद्धायिका देवी— सिद्धायिका नीलवर्णा सिंहारूढा चतुर्भुजा । पुस्तकं चाभयं चैव बाण (? वीणा) स्यान्मातुलुङ्गकम् ॥६७ सिद्धायिका नाम की यक्षिणी नीले वर्ण की, सिंह की सवारी करने वाली और चार भुजा वाली है। वह भुजाओं में पुस्तक, अभय, (वीणा) बांण और बीजोरा को धारण करती है । Blue-hued Siddhayika has four arms and is seated on a lion. The yakshini has a book, the Abhay - mudra, an arrow (? or Veena instrument), and a citron in her four hands, respectively. (67). अथ द्वितीयभेदेन चक्रेश्वरी द्वादशभुजाष्टचक्रे वज्रयोर्द्वयमेव च । मातुलुङ्गाभयं चैव पद्मस्था गरुडोपरि ॥६८॥ दूसरे प्रकार से चक्रेश्वरी देवी बारह भुजा वाली है। आठ भुजाओं में चक्र, दो भुजाओं में वज्र, एक भुजा में बीजोरा और एक भुजा में अभय को धारण करती है। गरुड़ के ऊपर कमल के आसन पर बैठी हुई है। An alternate depiction of Chakreshwari may be of the following type -She has twelve arms. In eight of her twelve hands she holds chakras (discs). She has vajras (thunderbolts) in two hands, and a citron and Abhay mode in the final two hands. Chakreshwari is seated on a lotus placed on top of Garuda. (68). कैलाशसमोसरणाब्जसिद्धावर्त्तिसदाशिवम् । सिंहासनं धर्मचक्रमुपरीह छत्रत्रयम् ॥६९ ॥ श्रीवत्सं च तथाऽशोकं वृषा वृश्चिकदुन्दुभिः ।

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