Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 262
________________ 226 . देवतामूर्ति-प्रकरणम् a mudgar, with one hand in the Abhay position. (60). Bhrikutti's left hands possess a rosary, a vajra (thunder-bolt), an axe and a mongoose. (61a). २१. गांधारी देवी वरं खड्गं खेडं लुङ्गं हंसारूढा सिता काया ॥६१ ॥ गांधारी नाम की यक्षिणी हंस की सवारी करने वाली और सफेद वर्ण. की है। वह चारों भुजाओं में क्रम से वरद, मुद्रा, ढाल और बीजोरा को धारण करती है। Gandhari has one hand in the Vara position, and holds a . sword, a shield and a citron respectively in her other three hands... She is seated on a swan and is white in colour. (61). २२. गोमेध यक्ष नेमिनाथस्य गोमेधो नरस्थस्त्रिमुखोऽसित: ॥, बीजपूरं पशुं चक्रं शक्तिशूलं च नाकुलम् ॥६२ ॥ बाईसवें नोमनाथ तीर्थंकर के शासन में गोमेध नाम का यक्ष है। वह मनुष्य की सवारी करने वाला, तीन मुख वाला और कृष्ण वर्ण वाला है, उसके छ: हाथों में बीजोरा, फरसा, चक्र, शक्ति, शूल और न्यौला है। ___Lord Neminath's attendant yaksha is Gomedha. Three-headed Gomedha rides on a man. He is black in colour. He possesses a citron, an axc, a disc, the Shakti weapon, a spcar (shula) and a mongoose respectively in his six hands. (62).. २२. अम्बिका देवी सिंहारूढाम्बिका पीताम्रलुम्बी नागपाशकम्। अङ्कुशं च तथा पुत्रं तस्या हस्तेषु कारयेत् ॥६३ ॥ अम्बिका नाम की यक्षिणी पीत वर्ण की और सिंह की सवारी करने वाली है। तथा आम की शाखा, नागपाश, अङ्कुश और पुत्र को हाथ में धारण करती है

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