Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 270
________________ देवतामूर्ति-प्रकरणम् उमा, पार्वती, गौरी, ललिता, श्रिया, कृष्णा, हिमवन्ती, रम्भा, सावित्री, त्रिखण्डा, तोतला और त्रिपुरा ये बारह गौरी देवी हैं। ___The twelve Gauri goddesses are Uma, Parvati, Gauri, Lalita, Shriya, Krishna, Himvanti, Rambha, Savitri, 'Trikhanda, Totala and Tripura. (2). १. उमादेवी अक्षसूत्रं च कमलं दर्पणं च कमण्डलुम्।। उमा नाम्नी भवेन्मूर्त्तिः पूजिता त्रिदशैरपि ॥३॥... अक्षमाला, कमल, दर्पण और कमण्डलु को धारण करने वाली उमा नाम . की मूर्ति है, वह देवताओं की भी पूजनीय है। ___ Holding a string of prayer-beads, a lotus, a mirror and a kamandalu is the idol that depicts Uma. It is worshipped even , by the gods. (3). २. पार्वती देवी अक्षसूत्रं शिवं देवं गणाध्यक्षं कमण्डलुम्। अग्निकुण्डोभये पक्षे पार्वती पर्वतोद्भवा ॥४॥ अक्षमाला, महादेव, गणेश और कमण्डलु को धारण करने वाली पर्वत से उत्पन्न हुई पार्वती देवी की मूर्ति है, उसके दोनों तरफ अग्निकुंड रखना। The statue of goddess Parvati, daughter of Parvat, the mountain, has a string of prayer-beads, the Lord Siva, Ganesh and a kamandalu respectively in her four hands. Place agni-kundas (fire-altars) on both sides of her. (4). ३. गौरी देवी अक्षसूत्राभये पद्मं तस्याधस्तु' कमण्डलुम्। गौर्याश्च मूर्तिरित्युक्ता कर्तव्या शिवशासिनी ॥५॥ 1. मु. तस्योचे तु।

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