Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

Previous | Next

Page 274
________________ 238 - देवतामूर्ति-प्रकरणम् constant worship of Trikhanda will bestow every desired wish to the devotee. (12). ११. तोतला देवी 'शूलाक्षसूत्रं दण्डं च श्वेतचामरकं तथा। श्वेतदेहा भवेद्देवी तोतला पापनाशिनी ॥१३॥ त्रिशूल, अक्षमाला, दण्ड और सफेद चंवर को धारण करने वाली सफेद वर्ण की तोतला देवी है, वह सब पापों का नाश करने वाली है। Totala holds a trident, a rosary, danda and a white chamar in her hands. The white-coloured goddess destroys all sins. (13). : १२. त्रिपुरा देवी पाशाङ्कुशाभयवरं चतुर्हस्तेष्वनुक्रमात् । त्रिपुरा नाम सम्पूज्या वन्दिता त्रिदशैरपि ॥१४॥ इति द्वादश गौर्यः। पाश, अङ्कुश, अभय मुद्रा और वरद मुद्रा (कमण्डलु क्रम से) चारों भुजाओं में धारण करने वाली त्रिपुरा नाम की देवी हैं, वह सर्वदा पूजनीय है एवं देवों द्वारा भी वन्दनीय है। ___Holding a noose, a goad, the Abhay-hasta and the Vara-hasta respectively (in the order cited) in her four hands is the goddess Tripura. She is worthy of worship everywhere and is venerated even by the tridashas (or gods). (14). . These are the twelve Gauri goddesses. गौरी देवी का आयतन वक्ष्यामि गौर्यायतन देवतानामनुक्रमम् । वामे सिद्धिः श्रिया सौम्ये सावित्री चैव पश्चिमे ॥१५॥ पृष्ठे कर्णे तथा द्वाभ्याँ भगवती सरस्वती। . 1. 'अक्षसूत्रं तथा दण्डं खेट चामरशिखोद्भवम् ।' अपराजिते अ. 222।

Loading...

Page Navigation
1 ... 272 273 274 275 276 277 278 279 280 281 282 283 284 285 286 287 288 289 290 291 292 293 294 295 296 297 298 299 300 301 302 303 304 305 306 307 308 309 310 311 312 313 314 315 316 317 318