Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 279
________________ देवतामूर्ति-प्रकरणम् परशुं च तथा दन्तं दक्षिणाधःकरक्रमात् ॥२५ लाल शरीर वाला, हाथी के मुख वाला, दाहिने नीचे के हाथ में क्रम से रत्न का कलश, अङ्कुश, फरसा और दान्त को धारण करने वाला गजानन देव जानना । (iii) Gajanan = With a body red like blood and a face like an clephant's is the lord who possesses a pot of jewels (ratna-kumbha), a goad, an axe and a tusk respectively in his four hands, beginning from the lower right in the order cited. (25).. ४. वक्रतुण्ड लंबोदरं त्रिनयनं पाशांकुशधरं परम् । वरदाभयहस्तं च लसत्कर्णं' सचामरम् ॥२६ ॥ लम्बे ं उदर वाला, तीन नेत्र वाला, क्रम से पाश, अङ्कुश, वरदमुद्रा और अभयमुद्रा युक्त चार भुजा वाला, शोभायमान कान वाला और चंवर वाला वक्रतुण्ड नाम का गणेश देव है । 243 (iv) Vakratunda Holding a noose and a goad in two hands with the other two hands in the positions of Varad (blessing) and Abhay (absence of fear) is the three-eyed lord Vakratunda, with a large belly (lambodar), beautiful waving ears and the chamar (chowrie) fan. ( 26 ). ५. उच्छिष्ट गणपति वाला, उच्छिष्टं मूषकस्थं च त्र्यक्षं व्यालोपवीतिनम् । भग्नदन्ताक्षसूत्रं च परशुं मोदकं क्रमात् ॥२७॥ उच्छिष्ट गणपति चूहे की सवारी वाला, तीन नेत्र वाला, सांप की जनेऊ भुजाओं में भग्न दाँत, अक्षमाला, फरसा और लड्डू धारण करने वाला है। (v) Uchchhishtam Ganapati = The 'uchchhishta' form of Ganesh rides on a mouse and has three eyes. He wears a snake 1. = मु. चलत्कर्णं ।

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