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देवतामूर्ति-प्रकरणम्
गौरी मूर्तियों के सामान्य लक्षण
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अष्टमोध्यायः ।
अथ गौरीं प्रवक्ष्यामि प्रमाणं मूर्त्तिलक्षणम् ।
चतुर्भुजा त्रिनेत्रा च सर्वाभरणभूषिता ॥
• गोधासनोपरिस्था च कर्त्तव्या सर्वकामदा ॥ १ ॥
बारह गौरी देवी के नाम
अब गौरी देवी के मूर्त्तियों का प्रमाण और लक्षण को कहता हूँ। वे सब चार भुजा वाली, तीन-तीन नेत्रों वाली, सब आभूषणों से शोभायमान और गोधा (गोह) की संवारी करने वाली बनाना, ये सब इच्छित देने वाली हैं। 1
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I (Mandan) will now describe the different forms and attributes of statues of the Gauri goddesses. Depict them with four arms and three eyes each, bedecked with every type of jewellery and adornments, and scated on a godha (an iguana cr monitor; term also used for alligator). They grant all wishes. (1).
उमा च पार्वती गौरी ललिता च श्रिया तथा । कृष्णा च हिमवन्ती च रम्भा च सावित्री तथा । त्रिखण्डा तोतला चैव त्रिपुरा द्वादशोदिताः ॥ २ ॥