Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 260
________________ 224 देवतामूर्ति-प्रकरणम् उन्नीसवें मल्लिनाथ तीर्थकर के शासन में कुबेर नाम का यक्ष है। वह हाथी की सवारी करने वाला, चार मुख वाला और सफेद वर्ण वाला है। आठ भुजाओं में क्रम से वरदमुद्रा, फरसा, शूल, अभय, अक्षमाला, मुद्र, शक्ति और . बीजोरा को धारण करता है। ___The attendant of Lord Malli(nath) is white-complexioned Kuber. Kuber has four faces and rides an elephant. The attributes in his cight hands are the Vara position, an axe, a spear (shula), the Abhay position, a rosary, a mudgar, the Shakti weapon and. . a citron respectively. (55). १९. धरणप्रिया कृष्णवर्णा चतुर्हस्ता पद्मस्था धरणप्रिया। वरदं चाक्षसूत्रं च शक्तिर्वै मातुलिङ्गकम् ॥५६॥ . धरणप्रिया नाम की यक्षिणी कृष्ण वर्ण की, चार हाथ वाली और कमल पर बैठी हुई है। उसकी चारों भुजाओं में वरदमुद्रा, अक्षमाला, शक्ति और बीजौरा ___ Dark-hued Dharanapriya yakshini is seated on a lotus. The four-armed Dharanapriya holds one hand in the Varad mode, and has a rosary, the Shakti weapon and.a citron in her other hands. (56). २०. वरुण यक्ष त्रिनेत्रो वरुणो यक्षो धवलो मुनिसुव्रते। वृषवाहश्चतुर्वक्त्रो जटामुकुटमण्डित: ॥५७ ॥ मातुलिङ्गं गदा बाणं शक्तिः पाशं धनुस्तथा ॥ पद्मं च नकुलं चेति दक्षिणाध:करक्रमात् ॥५८ ॥ बीसवें मुनिसुव्रत तीर्थंकर के शासन में वरुण नाम का यक्ष है। वह सफेद वर्ण का, बैल की सवारी करने वाला, चार मुख वाला, प्रत्येक मुख तीन-तीन नेत्र वाला, जटा के मुकुट से शोभायमान है। उसकी आठ भुजाओं में क्रम से बीजोरा, गदा, बाण, शक्ति, पाश, धनुः, कमल और न्यौला है।

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