Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 255
________________ देवतामूर्ति-प्रकरणम् प्रचण्डा नाम की यक्षिणी कृष्ण वर्ण वाली और घोड़े की सवारी करने वाली है। वह चार भुजाओं में क्रम से वरदमुद्रा, शक्ति, गदा और कमल को धारण करती है। The dark-complexioned, four-armed, yakshini Prachanda is seated on a horse. She holds one hand in the Varad position, and grasps the Shakti weapon, a mace and a lotus (in the order stated) in her other three hands. (41). १३. षण्मुख यक्ष विमले षण्मुख: श्वेत: शिखिस्थ: फलचक्रभृत् । बाणं खड्गं च पाशाक्षमभयांकुशखेटकम् ॥४२॥ धनुश्चक्रं च नकुलं दक्षिणाध: करक्रमात् । तेरहवें विमलनाथ तीर्थंकर के शासन में षण्मुख नाम का यक्ष है। वह छ: मुख वाला, सफेद वर्ण वाला और मोर की सवारी करने वाला है। तथा वह बारह भुजाओं में क्रम से फल, चक्र, बाण, खड्ग, पाश, अक्षमाला, अभय, अङ्कुश, ढाल, धनुष, चक्र और न्यौला को धारण करता है। . The attendant yaksha of Lord Vimal is called Shanmukh. He is white in colour and rides on a peacock. He possesses six faces and twelve arms. The six right hands hold fruit, a disc, an .' arrow, a sword, a noose and a rosary. Of his six left hands, the uppermost is in the Abhay mode and the other five hold a goad, a shield (42), a bow, a disc and a mongoose. 1. These attributes are placed in the order stated beginning with the lowermost right hand (and going in a clockwise direction, finally ending at the lowermost left hand). (43a). १३. विदिता देवी पद्मस्था विदिता पीता बाणपाशाहिकार्मुकम् ॥४३ ॥ विदिता नाम की यक्षिणी कमल पर बैठी हुई पीले वर्ण वाली है। उसकी चारों भुजाओं में बाण, फांसी, सर्प और धनुष है। Yellow-coloured Vidita is seated on a lotus. She holds an

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