Book Title: Devta Murti Prakaran
Author(s): Vinaysagar, Bhagvandas Jain, Rima Jain
Publisher: Prakrit Bharati Academy

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Page 256
________________ 220 . देवतामूर्ति-प्रकरणम् arrow, a noose, a snake and a bow in her four hands.(43). १४. पाताल यक्ष पातालस्त्रिमुखोऽनन्ते रक्तो मकरवाहनः । पद्म-खड्गं तथा पाशमक्षं खेटं च नाकुलम् ॥४४॥ चौदहवें अनन्तनाथ तीर्थंकर के शासन में पाताल नाम का यक्ष है, वह तीन मुख वाला, लाल वर्ण वाला और मगर की सवारी करने वाला है। उसने छ: भुजाओं में क्रम से कमल, खड्ग, पाश, अक्षमाला, ढाल और न्यौला है। Lord Anant's yaksha is Patal. Red in colour, with three , faces, and seated on a makara (crocodile, or mythical sea-monster),. Patal holds a lotus, a sword, a noose, a rosary, a shield and : mongoose in his six hands. (44).. १४. अडशा देवी अशा गौरवर्णा स्यात् पद्मारूढ़ा चतुर्भुजा। खड्गं तथा नागपाश-मंकुशं खेटकं तथा ॥४५॥ अङ्कुशा नाम की यक्षिणी गौर वर्ण वाली, कमल पर बैठी हुई और चार भुजा वाली है। भुजाओं में खड्ग, नागपाश, अडश और ढाल को धारण करती The four-armed yakshini Ankusha is white in colour. She is seated on a lotus and possesses a sword, the Nagapasha weapon, a goad and a shield in her four hands. (45). १५. किन्नर यक्ष किन्नरस्त्रिमुखो धर्म लोहितः कूर्मवाहनः।। बीजपूरं गदां चाभयाक्षमालाब्जनाकुलम् ॥४६ ॥ पन्द्रहवें धर्मनाथ जिनेश्वर के शासन में किन्नर नाम का यक्ष है, वह तीन मुख वाला, लाल वर्ण का और कछुआ की सवारी करने वाला है। वह अपनी छ: भुजाओं में बीजोरा, गदा, अभय, अक्षमाला, कमल और न्यौला को धारण करता है।

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