Book Title: Danvir Manikchandra Author(s): Mulchand Kishandas Kapadia Publisher: Mulchand Kisandas KapadiaPage 13
________________ (१६) __२३० २०. जुबिलीपर बम्बईमें गौवध बंद... २१. पारसियोंमें मांसाहारकी बंदी ... २२. जमीनका व्यापार ... ... २३. सूरतमें चन्दावाड़ी धर्मशालाका निर्मापण २४. पालीतानाका दौरा और सहायता... २५. बम्बईमें रत्नाकर पेलेसका निर्मापण २६. सेठजीका परोपकार व कार्यकुशलता २७. सोलापुरमें चतुर्विध दानशाला ... . . Mmm mm or : २४७ २५२ २५३ २५४ अध्याय आठवां। संयोग और वियोग। १. सेठजीकी पुत्रियोंकी लग्न ... २. श्रीयुत पंडित गोपालदासजी ... ३. बम्बई दि. जैन सभाकी स्थापना ४. रत्नाकर पेलेसमें श्री चंद्रप्रभु चैत्यालयकी स्थापना ५. सेठ प्रेमचदंको व्यापारकी शिक्षा... ... ६. जैनियों में विलायत जानेकी चर्चा .. ७. दि. जैनियोंकी सभामें विलायत जानेका विचार ८. पं० गोपालदासजीका समुद्रयात्रामें विचार ९. ब्रह्मसूरी शास्त्रीका समुद्र यात्रामें विचार ... १०. वीरचंद राघवजींका चिकागो गमन ११. चौगलेकृत तापापहार स्तोत्र ... १२. सेठजीका मथुरा महासभामें प्रथम गमन ... १३. खड़े होकर उपदेश देनेमें लाला रूपचंदजीकी राय १४. छापके बारेमें वार्तालाप १५. नकल पत्र वीरचंद राघवजी ... १६. सेठ हरजीवन रायचंद... १७. पालीताणा मंदिरकी प्रतिष्ठा ... २५६ _२५७ २५८ २६० २६४ २६५ २६६ २६८ २७४ २७९ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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