Book Title: Chinta Krodh aur Tanav Mukti ke Saral Upay
Author(s): Lalitprabhsagar
Publisher: Pustak Mahal

View full book text
Previous | Next

Page 24
________________ व्यवस्था कर सकते हैं। आप तनावोत्सर्ग विधि प्रारम्भ करें। बड़े आराम से लेट जाएँ। दानों पाँव थोड़े फासले पर रहें, दोनों हाथ शरीर से थोड़े दूर और सीधे रखें, हथेलियाँ ऊपर की ओर हों। हथेलियाँ इतनी ढीली छोड़ दें कि अंगुलियाँ स्वतः ही थोड़ी-सी मुड़ जाएँ। इस विधि में कुछ बातों की सावधानी रखनी उचित रहती है। साँस आराम से और आहिस्ते-आहिस्ते लें और धीरे-धीरे उसे सहज छोड़ दें। साँस बाहर निकालने के बाद अंदर खींचने की जल्दी न करें और अंदर खींचने के बाद बाहर निकालने की भी जल्दी न करें। दोनों ही प्रक्रियाओं में आप जितनी सहजता से सांस को अंदर करने के बाद रोक सकते हैं तो अवश्य रोंके। सबसे पहले शरीर को ढीला छोड़कर मधुर मुस्कान लें। शरीर निर्जीव वस्तु की तरह पड़ा रहे और मधुर मुस्कान जारी रहे। अगर हँसने का जी कर रहा है तो किसी अच्छे से चुटकले या घटनाप्रसंग को यादकर हँस भी लें और फिर स्वसंबोधन द्वारा अपने शरीर को तनावमुक्ति की प्रक्रिया में प्रवेश करने दें। धीरे-धीरे श्वास लेते हुए पूरे शरीर में कसावट दें। श्वास को रोकते हुए सम्पूर्ण ऊर्जा के साथ समस्त माँसपेशियों को नाभि की ओर दो क्षण के लिए खिंचाव दें और तत्क्षण उच्छ्वास के साथ शरीर ढीला छोड़ दें। यह प्रक्रिया कुल तीन बार करें। अब शरीर के प्रत्येक अंग को मानसिक रूप से देखते हुए एक-एक अंग को शिथिल होने के लिए आत्म-निर्देशन दें और प्रत्येक अंग में प्रसन्नता और मुस्कुराहट को विकसति करें। पैर के अंगूठे से लेकर सिर तक रोम-रोम को प्रमुदितता और अन्तर् प्रसन्नता का सुझाव दें। सर्वप्रथम पाँव के अंगूठे, अंगुलियाँ, तलवा, पंजा, एडी, टखना, पिंडली, घुटना, जाँघ, नितंब, कटिप्रदेश को शिथिल करते हुए वहाँ प्रसन्नता का संचार करें। फिर हाथ के अंगूठे, अंगुलियों, हथेली, पृष्ठ भाग, कलाई, हाथ, कोहनी, भुजा एवं कंधों को प्रसन्नता और मुस्कुराहट का सुझाव दें। तदुपरान्त पेट, पेट के अंदरूनी अवयव, बड़ी आँत, छोटी आँत, पक्वाशय, आमाशय, किडनी, लीवर तथा हृदय, फेंफड़े, पसलियाँ, पूरी पीठ, रीढ़ की हड्डी, कंठ और गर्दन के भाग में शिथिलता, प्रसन्नता एवं मुस्कुराहट को विकसित करें। Jain Education International For Person & Private Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 123 124 125 126 127 128 129 130 131 132 133 134 135 136 137 138 139 140 141 142 143 144 145 146 147 148 149 150 151 152 153 154