Book Title: Bhagwan Mahavir ka Janmasthal Kshatriyakunda
Author(s): Hiralal Duggad
Publisher: Jain Prachin Sahitya Prakashan Mandir Delhi

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Page 14
________________ लेखक की वंशावली बीसाओसबाल (बड़े साजन) दूगड़गोत्रे जैनधर्मावलम्बी (विक्रम १७-१८ वीं शती) शाह नानकचंद शाह दीपचन्द शाह आसानन्द शाह बंसीधर शाह रामदयाल शाह धर्मयश (XI). (आगम मर्मज्ञ) शाह कर्मचद (शास्त्री) (चौधरी) शाह मथुरादास शाह गंडामल ४ ज्योतिषविद्यामर्मज्ञ शाह दीनानाथ (चौधरी) (जनविद्यामर्मज्ञ) पं. हीरालाल (शास्त्री) लखमीलाल शादीलाल यशकीर्ति महेन्द्रलाल रमनीककुमार xपुरुषोत्तमकुमार सुदर्शन कुमार श्रेयांसकुमार अभयकुमार अमृतकुमार अभिलाष कुमारी इन्दुबाला मनोज सजय दिनेश राकेश नीरज पर्वन निशानवालों के संतान नहीं थीं रज पवन १.गाह कर्मचद जी जैनागम-दशन के प्रकांड विद्वान थे। अनेक माधु- मात्रियों को जैन शास्त्रो अभ्यास कराया २ शाह मथुरादास जी गुप्तरूप से माधनहीन, सात्रियों के तन-मन-धन मे कष्टनिवारक। जैन श्रीसंघ में चौधरी पदबी से सम्मानित थे। ३ शाह दीनानाथ जी ज्योतिष शास्त्र के मर्म विद्वान, चौधरी पद तथा म्वर्णपदक से गुजगवामा श्री जैनसघ से सम्मानित। श्री बैनसघ की कार्यकारिणी सभा के मानद मंत्री थे। ४. अनेक गोधग्रथो के मेखक, जैनविद्याममंत्र हैं (विशेष परिचय आपकी जीवनी में देखें। ५ अमृतकमार ज्योतिषविज्ञान एव हस्तरेखा विज्ञान के मर्मज्ञ विद्वान हैं।

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