Book Title: Bhagvatisutra Avachuri
Author(s):
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
View full book text
________________
यो भगवती
सूत्र.
अवचूरि
20blolololololololololololololololo OD
॥ अथ सप्तविंशतितमं शतकम् ॥ एवमेव 'करिसु करेंति करिस्संति ति' सयं अनयव भावनया एवं नेयम् । ॥ परिसमाप्तं च सप्तविंशतितमं शतकमेकादशोद्द शकिनम् ॥
॥ अथाष्टाविंशत्येकोनत्रिंशतमे शतके :"पट्ठवणसए किह णु समाउवन्नएसु चउभंगो। किह व समजणणसर 'गमणिज्जा अत्थओ भंगा ? । १॥ पट्ठवणसए भंगा, पुच्छाभंगाणुलोमओ वच्चा । कम्मसमज्जणणसए, वाहुतल्लाओ समाउज्जा ॥२॥"
॥ परिसमाप्ते अष्टाविंशत्येकोनत्रिंशतमे शतके ॥
॥ अथ त्रिंशत् 'समोसरणसयं' शतकम् :"क्रियावाविनो ब्रुवते क्रिया प्रधानम् विज्ञानमक्रियावादिनो ब्रुवते कि क्रियया ! वित्तं विशुद्ध कार्याय यथा बौध्याः अज्ञानिना सर्व एव सत्याः विनयमात्र एव धर्मः । तथाऽस्यैवार्थस्य सूचिका गाथा :
Jain Education International
For Private
Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 202 203 204 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220 221 222 223 224 225 226 227 228 229 230 231 232 233 234 235 236 237 238 239 240 241 242 243 244 245 246 247 248