________________ cace ca ca ca ca ca श्रीआवश्यक नियुक्ति (व्याख्या-अनुवाद सहित) 0000000 सकता, इसलिए किसी एक अवयव की ही सात्मकता (आत्मसम्बद्धता) माननी पड़ेगी, न कि सभी / अवयवों की। इस प्रकार, दोनों ही विकल्पों में अनिष्ट आपत्ति उठ खड़ी होगी। -222222222222223333333333333333333333333333333 ca (हरिभद्रीय वृत्तिः) यैः किं करोतीत्याह- 'यैस्तु गृह्णाति'।तुशब्दो विशेषणार्थः। किं विशिनष्टि? -न सर्वदैव गृह्णाति, किन्तु तत्परिणामे सति, किम्? -गृह्यत इति ग्रहणम्, ग्रहणमिति “कृत्यल्युटो, & बहुलम्” (पा. 3-3-113) इतिवचनात्कर्मकारकम्, शब्दद्रव्यनिवहमित्यर्थः। ततो' गृहीत्वा 'भाषते' वक्ति, भाषत इति भाषकः क्रियाऽऽविष्ट इत्यर्थः।अनेन निष्क्रियात्मवादव्यवच्छेदमाह, . & सति तस्मिन्निष्क्रियत्वात् अप्रच्युतानुत्पन्नस्थिरैकरूपत्वाद्भाषणाभावप्रसङ्गः ।काम्?-भाष्यत , इति भाषा, तां भाषाम्। आह- 'ततो भाषते भाषक' इत्यनेनैव गतार्थत्वाद्भाषाग्रहणमतिरिच्यते इति, न / अभिप्रायापरिज्ञानात्।इह भाष्यमाणैव भाषोच्यते, न पूर्वं नापि पश्चाद, इत्यस्यार्थस्य ख्यापनाय & भाषाग्रहणमदुष्टमेवेति गाथार्थः॥८॥ (वृत्ति-हिन्दी-) जो (आत्म-प्रदेश बताए गये) हैं, उनसे (वक्ता) क्या करता है? उत्तर : & दिया- जिनसे (इन्हीं से) तो (वह) ग्रहण करता है। यहां 'तो' शब्द विशेषण-परक है। (प्रश्न) क्या विशेषता व्यक्त कर रहा है? (उत्तर-) यह बता रहा है कि सर्वदा ग्रहण नहीं करता, c. अपितु (योग्य) परिणाम होने पर (ग्रहण करता है)। (प्रश्न-) क्या (ग्रहण करता है)? (उत्तर & है-) 'ग्रहण' को (ग्रहण करता है)। जो ग्रहण किया जाव, अर्थात् शब्द-द्रव्य-समूह (ही & 'ग्रहण' शब्द से अभिप्रेत है), यहां ‘ग्रह' धातु से कर्म अर्थ में 'कृत्यल्युटो बहुलम्' (पाणिनीय . & सू. 3/3/113) से ल्युट् (अन) प्रत्यय हुआ है। ततः= उसके ('ग्रहण' के ग्रहण होते) के बाद, 6 भाषते बोलता है। कौन? (उत्तर-) भाषक, अर्थात् भाषण करने वाला, भाषण-क्रिया से 6 युक्त (वक्ता जीव बोलता है)। उपर्युक्त कथन (कि 'वक्ता जीव बोलता है') से आत्मा को a निष्क्रिय मानने वाले मत का निराकरण किया गया है, क्योंकि यदि आत्मा निष्क्रिय हो तो उसे अप्रच्युत, स्थिर, अनुत्पन्न व एकरूप (अर्थात् किसी भी परिणमन से रहित) मानना होगा, और उस स्थिति में उसके द्वारा भाषण किया जाना असंगत हो जाएगा (क्योंकि पहले : जो मौन था, अब बोल रहा है, यह परिणति 'विकार' होती है जो निष्क्रिय आत्मा में संगत ce नहीं हो सकती)। (प्रश्न-) किसे भाषित करता (बोलता) है? (उत्तर-) जो भाषित होती है, " / उसे अर्थात् भाषा को (भाषित करता है)। 82 (r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)(r)