Book Title: Agamoddharak Kruti Sandohasya Part 02
Author(s): Manikyasagarsuri
Publisher: Mithabhai Kalyanchandji Pedhi

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Page 7
________________ // 6 // 22021 राट् मैत्र्य विश्व - ०हक पृष्ठम पतिः अशुद्धम् शुद्धम् | पृष्ठम् पतिः सम. समं | 33 2 मूलं | 33 4 राडू | 35 5 मैच्यां | 39 13 चतकानू चैतकान् | 39 बिश्व ०९ग पापा रतिः पापारतिः गृहस्थाः गृहस्था चन्द्रावधितैः चन्द्राभिवधितैः षष्टयाः षष्टया वर्षिकैः वार्षिकैः 12 , 11 मासर्वा० ०मासैर्वा० घस्त्रो घस्रो 47 15 ममिम० . ०मभिम० 32 18 पूर्णेत पूर्णेति | , P.P.AC. Gunratnasuri M.S. अशुद्धम् केचिन्ने० . केचिन यथो तिमा० यथोक्तमा० ताग, तार ईर्ये० नकः नकैः सवषा० सर्वेषा० ०वस्थान ०वस्थानं भिन्न भिन्न व एहस्स ___०वयाजोण्हस्स सिद्ध ०चाय ०चा० निवृत्तं निर्वृत्तं रब्ध ०ब्धं ०दृश्य दर्य ०वत्त ०वत्त ०याम यामJun Gun Aaradhak Trust सिद्धे // 6 // // 6 //

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