Book Title: Agamoddharak Kruti Sandohasya Part 02
Author(s): Manikyasagarsuri
Publisher: Mithabhai Kalyanchandji Pedhi
View full book text
________________ आगमोद्धार ककृतिसन्दोहे | र्णयः // 38 // अतिकान्तोऽनागतश्चेति, भेदौ द्वौ श्रुतवर्णितौ // 91 // अतः कल्पान्त्यस्त्रेपि, सांवत्सरिकमीरितम् / भिन्नं || व्यवस्थितेः सूत्राद , फलं तूपहृतौ पुनः // 92 // अत एवोदितं कल्पनिरुक्तौ पूर्वसरिभिः। भिन्नगच्छभवै- सांवत्सर्यत् स्याद् , वार्षिकं भाद्रशुक्लगम् // 13 // अभिगृहीतवासः स्यान् , मुनीनां नियतेऽहनि / न परं वार्षिकं रिकनिः कार्य, नियत एव घस्रके // 14 // एवं च ये समाचख्यु भिगृहीतवासरात् / भिन्नो वार्षिककृत्यस्य, वासरस्ते | पराकृताः // 15 // सामग्रीसम्भवे यस्मा-दापाढे पूर्णिमादिने / गृहिज्ञातं परिवसेन् , न चेत् पश्चदिनी वदेत् // 16 // एवं त्वदुक्तनीत्या स्यादापाढ्यामेव वार्षिकम् / केषाश्चिदपरेषां तु, पर्वखन्येषु तद् भवेत् // 97 // कल्पस्य कर्षणं वार-द्वयमष्टमयोजनं / वर्षावासे वत्सरे च, तेन न भ्रमणं विदः // 98 // इत्थं भव्यजनावबोधविधये सिद्धान्तयुक्त्यन्वितं, श्रीसांवत्सरिकप्रतिक्रमगतं वाच्यं विविच्योदितम् / श्रुत्वा जैनमतानुगा विधिकृतौ बद्धादराः संततं, सन्तः सन्तु सदा प्रसभमनसः सांवत्सरिकोचताः // 19 // इति सांवत्सरिकनिर्णयः॥ पर्युषणारूपम् (16) नत्वा नरेन्द्रसंघातं, महावीरं जिनोत्तमं, ब्रुवे पर्युषणारूपं, भव्यानां हितकाम्यया // 1 // स्थानाङ्गे दशमे स्थानेऽष्टमं पर्युषणादिमं / कल्पाध्ययनमुक्तं तत् , पदयुग्माङ्किताभिधा // 2 // परं पदद्वये नाम्नि, प्रागुत्तरपदद्वयं / लुप्त्वाऽभिधीयते नाम, तदभिधाद्वयं भवेत् // 3 // जहा कप्पेत्ति तुर्येऽङ्गे, समवसरणे मतम् / परं पर्युषणाया नेतीत्थं पर्युषणाश्रुते // 4 // एवं च पश्चकल्पादौ, दशधाचारवर्णने / पर्युषणादिकल्पाला, या साऽखण्डाऽभिधा भवेत् // 5 // स्यात्तत्त्वभेदपर्यायैर्व्याख्या तत्रापि पर्ययान् / आश्रित्य तत्त्वमेदौ त-दादौ पर्यायवर्णनम् // 6 // पर्युषणायाः पर्यायाः, पर्यायस्थापनादिकाः / षट् साधूनां स्यात् पर्यायः, तत्र पर्युषणादिनात् // 7 // ग्रीष्महेमन्तिकाः सर्वे, त्यज्यन्ते पर्ययाः पुनः / वर्षीया अत्र गृह्यन्ते, प्रकृतिकाभिधा ततः / / 8 // षष्णामपि / // 3811 P.P.AC. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust

Page Navigation
1 ... 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105