Book Title: Agam Ke Panno Me Jain Muni Jivan
Author(s): Gunvallabhsagar
Publisher: Charitraratna Foundation Charitable Trust

View full book text
Previous | Next

Page 33
________________ १५८) चोर के सात प्रकार - १. चोरी करनेवाला २. चोरी करानेवाला ३. चोरी की सलाह देनेवाला ४. चोर को गुप्त भेद बतानेवाला ५. चोरी का माल कम किंमत में खरीदनेवाला ६. चोर को भोजन पानी देनेवाला ७. चोर को स्थान देनेवाला. इस सातो को शास्त्र में चोर कहा गया है । १५९) चोरी के प्रकार - १. तु डर मत, मैं सब संभाल लुंगा इत्यादी बोलकर चोर को प्रोत्साहन देना। २. चोर मिले तब उसका कुशल प्रेम (हालचाल) पूछना। ३. चोर को चोरी के लिए हाथ आदि से संकेत देना। ४. राज्य का कर (टॅक्स) न भरना। ५. चोरी करते चोर को उपेक्षा बुध्धि से देखना (देखा अनदेखा करना) ६. चोर को पकडने आए हुए को उल्टा मार्ग बताना । ७. चोर को शय्या देना (स्थान देना) ८. चोर के पैर के निशान मीटा देना। ९. चोर को खुद के घर में छुपने की अनुमति देना। १०. चोर से हाथ मिलाना, नमस्करादि सन्मान देना । ११. चोर को बैठने के लीए आसन देना। १२. चोर को छुपाने में सहायता करना । १३. चोर को मिष्टान्न-पकवान आदि खिलाना । .. १४. दूर से थक कर आए चोर को गरम पानी, तेल आदि देना । १५. चोर को रसोई बनाने के लिए अग्नि देना ।

Loading...

Page Navigation
1 ... 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86