________________ आ = आत्मा गम = गमन आत्मा की और गमन करावे, वो है आगम इस पुस्तक और आगम वचन हमें सुविशुद्ध, सुविहित, संवेगी साधुजीवन की परिणती की और ले जाए। साधुता से शुरु हुई अपनी अध्यात्म यात्रा सिध्धत्व में वीलीन बने यही मंगल कामना। Chandresh Poladiya Classic Printers 9870225825/99200 90067 Email : cvpoladiya@gmail.com