Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutram Tika
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay
View full book text
________________
प्रथमं परिशिष्टम् ।
४४
__ ४० चारं
३३ (१)
१४७
विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः | विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः चक्खुदंसणावरण ९ (२), चाउरंतचक्कट्टि १४ (१), ४८, चोतालीसं १७ (१), ३१ (१) ७१, ७२, ७७, ८३, ८९, चोत्तीसं
३४ चक्खुम १५७ / ९६, ९७, १०७, १०८, चोद्दस
१४ (१) चत्तारि ४ (१)। १२९
चोद्दसपुब्बिसया चत्तालीसं
९ (२), ७२ | चोद्दसपुव्वी २३(२),१०४,१०५ चत्तालीसंगुलियं
|चारणाणं १७ (१) चोयालीसतिमे
८८ चत्ताले ३८| चारू
१५७ चोयाले चमर १६ (२), १७ (१), चावोण्णतं २१ (३) |चोरिक्ककरण
१४६ __३२ (१), ३३ (१), ३४, चोवत्तरे
३७ चोवत्तरं
७४ ३६, ५१, १५७ | चित्तउत्त
१५८ चमरचंचाए
| चित्तंगा
१० (२) छउमत्थपरियागं ५४ चम्मरयण १४ (१) | चित्तंतरगंडियाओ
| छउमत्थमरण १७ (१) चम्मलक्खणं ७२ | चित्तरसा
१० (२) छजीवनिकाय ६ (१) चयणाणि १४७ | चित्तसंभूयं
३६ | छट्ठीए १७ (२), १८ (२), चरणकरणपरूवणया
चित्तसमाहिट्ठाणा १० (१)। १९ (२), २० (२), १३७, १३८, १४०, चित्ता ८ (२), १० (२) २१ (२), २२ (२), १४९ १४१, १४२, १४३, १४४ | | चित्ताणक्खत्त १ (५) | छण्णउई
९६ चरणकरणपरूवणा १४७ चियाते
१० (१) | छत्तारे
६ (२) चरणविही
|चियातो १४३ छत्तं
३४ (१) ९ (२) |चुताचुतसेणियापरिकम्मे १४७ | छत्तरयण १४ (१) चरित्तमोहणिज्ज ३१ (१) |चुलणी
१५८ | छत्तलक्खणं
७२ चरित्तविराहणा ३ (१) चुल्लहिमवंत ७(१),२४(१),१०० | छत्तीसं । चरित्तसंपण्णया २७ (१) चुल्लहिमवंतकूड
छत्तीसंगुलियं चरित्तायार __ १३६ | चूलिया १२ (१), १४७ छत्तीससहस्समणूणयाणं १४० चरियापरीसह २२ (१) |चूलियावत्थू
१४७ | छत्तोहे
१५७ चलचवलकुंडलधरा १५७ चेएइ
३० (१) | छम्मासिया १२ (१) चवण १३९ | चेत्तासोएसु १५ (२), ३६ | छरूपगयं
७२ चाउम्मासिया १२ (१) चेतियक्खंभे
३५ | छलसीति चाउरंगिज्ज ३६ चेतियरुक्खा ८ (१),१५८,१५७ | छल्लेसा
६ (१) चाउरतं १४८ चेतियाई १४१, १४२, १४३, छविहे
६ (१) १४४, १४६ | छव्वीसं
२६ (१)
चरति
३६
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org
Page Navigation
1 ... 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566