Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutram Tika
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 537
________________ चित्राणि १. मेरुपर्वतस्य स्वरूपम् मेरु पर्वत और गतिशिल ज्योतिषचक्र पंडकवन... 4 नक्षत्र ८८४ योजन चंद्र ८८० योजन ॐ सूर्य ८०० योजन * तारा ७९० योजन . अभिषेक शनि ग्रह ९०० योजन PH शिला + मंगळ ग्रह ८९७ योजन * गुरु ग्रह ८९४ योजन शुक्र ग्रह ८९१ योजन Earol ..... बुध ग्रह ८८८ योजन १००० योजन। mein सोमनस * वन S३६००० याजन MEEM, मेखला KAMAN MIRAM I0 111111A MITTIVRITTAMAT MUNAWATI MITA अभिजीत MANTIDURATIO-AWAN १६२५०० योजन MIN नंदनवन mmyi भद्रशाल १००० योजन | ५०० योजन भूमिस्थाने १०००० योजन विस्तार कंद विभाग पहला कांड १००९०. योजन १० भाग Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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