Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutram Tika
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

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Page 541
________________ चित्राणि । ५. जम्बूद्वीपत: नन्दीश्वरपर्यन्तानां द्वीप-समुद्राणां स्वरूपम् जंबूद्वीप से नंदीश्वर शाश्वत चैत्य = जिन मंदिर नवीधर ...FHDPES द्वीप त्रिभुलमा पचन तरस समुह HEAD पारस RELIELTS बारुणीवर सका। असा स्वाद करवर समुश रुजसा स्वार बार ZIJEFe लवण सात CA STM + R THESELECT १लाख योजन SS TOTA NEE RRENES ४शास्तजिन सीरवर नव (१) ऋषमानन (२) चंद्रानन (३) वर्धमान (1) वारिष शाश्वत चैत्य ४ अंजन गिरि १६ दधि मुख ३२ तिकर CL-INE जंबू द्वीप से ET समुद्र बाद में उत्तरोत्तर समुद्र असंख्य द्वीप समुद है। और द्वीप द्विगुण माप से जानना। Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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