Book Title: Agam 04 Ang 04 Samvayanga Sutram Tika
Author(s): Abhaydevsuri, Jambuvijay
Publisher: Mahavir Jain Vidyalay

View full book text
Previous | Next

Page 445
________________ ८८ घंटे ६४ | चंदेणं घणं ३४ समवायाङ्गसूत्रान्तर्गतविशिष्टशब्दसूचिः । विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः | विशिष्टशब्दाः सूत्राङ्काः विशिष्टशब्दाः सूत्रावाः गोतमदीव ६९ चउमासिया २८ (१) चंदसिर्ट ३ (४) गोत्त ३९ चउरंसा १४९ / चंदसिंग ३ (४) गोत्ता १३८ चउरासीई ८४ चंदा गोत्थुभ १५७ चउरासीति ८४ | चंदाणणं गोत्थूभ ५२, ५७, ५८, ४२, | चउरासीतीए १३७ चंदाभं ४३, ८७, ८८, ९२ च उरिंदिय १४ (१) चंदावत्तं गोयमदीव ६७ चउरिंदियअसंजम १७ (१) चंदिमसूरियगणनकखगोलवट्टसमुग्गतेसु . ३५ चउरिंदियतेयसरीर १५२/ तताररूवा १५० गोसीससरसरत्तचंदणदद्दर- चउवीसं २४ (१) चंदिमा १९ (१) ___ दिण्णपंचंगुलितला १५० चउवीसंगुलिए २४ (१) चंदिमसूरिय १४७ चउव्विहकम्मक्खय __ १४३ | चंदुत्तरवडेंसगं ३ (४) घट्ठा १५० चउसट्ठि ८ (२) घडमुहपवत्तिएणं २५ (१), ७४ | चउसट्ठीलठ्ठीए ६४ | चंपय १५७ - १९ (३) चउसिरं १२ (१) चक्क घणोदहि २० (१), ७९, ८६ चंडिक्के ५२ चक्कजोही १५८ पाणिंदियअत्थोग्गह ६ (१) चंद ३ (४), ३२ (१), ५९, चक्करयण १४ (१) घाणिंदियत्थोग्गह २८ (१) ६२, ७२ चक्कलक्खण ७२ घाणिंदियवंजणोग्गह २८ (१) |चंदकंत ३ (४), १५७ | चक्कवट्टिइत्थीरयणा घोरपरीसहपरायियास हप (पा?) |चंदकूडं ३ (४) चक्कवट्टिांडियाओ १४७ रद्धरुद्धसिद्धालयमग्ग- चंदचरितं ७२ चक्ककट्टिपितरो निग्गयाणं १४१ चंदजस १५७ | चक्कवट्टिवंस घोस ६(४), १०(४), ३२(१) चंदज्झयं ३ (४) | चक्कवट्टिविजया ३४, ६८ चउक्कणइयाई चंदणज्जा . १५७ चक्कवट्टी २३ (२),५४,६८,१५८ चउगाउए ४ (१) चंददिणे २९ (१) |चक्कहर-हलहर १३९ चउणउइं ___ ९४ | चंदप्पभ (४), ९३, चक्काउह १५७ चउतारे ४ (२) ०१, १५७ चक्कीण १३९ चउत्तीसं ६१ चक्खिंदियत्थोग्गह २८ (१) चउत्थ १ (२) चंदरूवं ३ (४) | चक्खुइंदियअत्थोग्गह ६ (१) चउत्थी ७ (२), ९ (३), चंदलेसं ३ (४) | चक्खुकंता १५७ १० (३), १४९ चंदवण्णं ३ (४) चक्खुदय १ (२) चउप्पय ३४, ५४ | चंदसंवच्छर १५८ १५८ १५९ ३४ | चंदमंडले Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 443 444 445 446 447 448 449 450 451 452 453 454 455 456 457 458 459 460 461 462 463 464 465 466 467 468 469 470 471 472 473 474 475 476 477 478 479 480 481 482 483 484 485 486 487 488 489 490 491 492 493 494 495 496 497 498 499 500 501 502 503 504 505 506 507 508 509 510 511 512 513 514 515 516 517 518 519 520 521 522 523 524 525 526 527 528 529 530 531 532 533 534 535 536 537 538 539 540 541 542 543 544 545 546 547 548 549 550 551 552 553 554 555 556 557 558 559 560 561 562 563 564 565 566