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वे कोई अजब तमासा देख्या' बीच जहान वे जोर तमासा सुप कासा ॥ टेक 11 एक के घर मंगल गावैं, पूगी' मन की आ एक वियोग मरे बहु रोवैं, भरि भरि नैन निरासा तेज तुरंगनि पै चढ़ि चलते, पहिरे मलमल खासा
॥ वे कोई. ॥ १ ॥
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१२
एक भये नागे अति डोलैं ना कोई देय दिलासा " ॥ वे कोई. ॥ २ ॥ तरकैं? राजतखत पर बैठा, या खुशवक्त खुलासा । ठीक दुपहरी मुद्दत१३ आई, जंगल कीनो ब तन धन अथिर निहायत जग में, पानी माहिं पतासा 'भूधर' इनका गरव करैं जे धिक तिनका जनमासा
॥ वे कोई. ॥ ३ ॥
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(५३४) राग - सोरठ
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टेक ॥
१७
.१८
भगवन्त भजन क्यों भूला रे ॥ यह संसार रैन ६ का सुपना तन धन वारि" बबूला रे ॥ भगवन्त ॥ १ ॥ इस जीवन का कौन भरोसा, पावक में तृणपूला रे । काल कुदार लिये सिर ठाड़ा क्या समझै मन फूला रे ॥ भगवन्त ॥ २ ॥ स्वारथ साधै पांव १९ पांव तू परमारथ को लूला रे । कहु कैसे थैहै२१ प्राणी काम करे दुख सुख रे मोह पिशाच छल्यो मति मारै, निज कर कंध बसूला रे । भज श्री राम मतीवर 'भूधर' दो दुरमति ४ सिर धूला रे ॥ भगवन्त ॥ ४ ॥
२२
भुला
॥ भगवन्त ॥ ३ ॥
२३
(५३५)
काहू घर पुत्र जयो काहू के वियोग आयो काहू राग २५ रंग का हू रोआ २६ रोई करी है। जहां भान २७ ऊगत उछाह २८ गीत गान देखे | सांझ समैं ताही थान हाय-हाय परी है । ऐसी जगरीति को । न देखि भय भीत होय, हा हा नर मूढ़ तेरी मति कौन १९ हरी है । मानुष जनम पाय सोवत विहाय जाय खोवत कोरन की एक एक धरी है ।
॥ वे कोई. ॥ ४ ॥
१. देखा २. संसार में ३. स्वप्न जैसा ४. एक के यहां ५. पूरी हुई ६. नेत्र ७.घोड़ी पर ८. अच्छा ९. नंगे १०. सान्त्वना ११. सबेरे १२. खुशी का समय १३. समय १४. बताशा १५. जन्म १६. रात्रि का स्वप्न १७. पानी का बबूला १८ घास का गट्ठर १९. पग पग पर २०. लंगड़ा २१ पायेगा २२. दुख का कारण २३. बुद्धि नष्ट करता है २४. मूर्ख २५. मौज मस्ती २६. रोना-धोना २७. सूर्य २८. उत्साह २९. किसने हर ली है ३० करोड़ों की ।
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