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३८९. बाय लगी कि बलाय लगी (भूध०) ३९०. बालपनैं संभार सक्यौ कछु (भूध०) ३९१. बालपनै बाल रह्यौ पीछे (भूध०) ३९२. बिन काम ध्यान मुद्राभिराम (भाग०) ३९३. बीरा! थारी बान बुरी परी (भूध०) ३९४. बेगि सुधि लीज्यौ म्हारी (बुध०) ३९५. भगवन्त भजन क्यों भूला रे (भूध०) ३९६. भज जिन चतुर्विंशति नाम (बुध०) ३९७. भज ऋषिपति ऋषभेश (दौल०) ३९८. भज श्री आदिचरन मन मेरे (द्यान०) ३९९: भजन बिन यौँ ही जनम गंवायो (सुख) ४००. भला होगा तेरा यों ही जिनगुन (बुध०) ४०१. भलो चेत्यो वीर नर तू भलो (भूध०) ४०२. भवदधि तारक नवकार जगमांहि (बुध) ४०३. भववन में नहीं भूलिये (भाग०) ४०४. भवि तुम छोड़ि परत्रिया भाई (महा०) ४०५. भवि देखि छवि भगवान की (भूध०) ४०६. भविन सरोरुह सूर भूरि (दौल०) ४०७. भाई ! अब मैं ऐसा जाना (द्यान०) ४०८. भाई ! कौन धर्म हम पालें (द्यान०) ४०९. भाई ! ज्ञान की राह सुहेला (द्यान०) ४१०. भाई ज्ञानी सोई कहिये (द्यान०) ४११. भाई ! चेतन चेत सके तो चेत (महा०) ४१२. भोर भयो भज श्री जिनराज (द्यान०) ४१३. भ्रम्यो जी भ्रम्यो संसार महावन (धान) ४१४. मगन रहु रे ! शुद्धातम में मगन रहु (द्यान०)
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