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अविकसिन धम और पिनान का मघप
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विस्मान करना चाहिए कि विनान ने कभी भी चरम सत्य उपलब्धि का पाग्रह नही रगा और भविष्य मशोध के काय बदनहीं दिये। जिन साधना
माधार पर जो कालिय” सत्य शोध मे उदभूत हुए वे कालान्तर मे अय साधन उपलब्ध होने पर बदन भी मरते हैं। तात्पय विनान विसामो मुखी तत्त्व है। विमी वस्तु को वह अपरिवर्तित नहीं मानता।
सुप्रसिद्ध अमेसिन दानिक और वनानिव विनियम जेम्स ने टीरही का है 'विनान ने मान तक जिन तथ्यो की गवेषणा की है वे केवल समाव
* पिमी का पूण एर अतिम सत्य नही माना जा सकता। उनमे गसाधन और परिपना मा पूण अवसर है। यह भी मभन है कि कुछ बद्धमूर धारणाएं भ्रान मिड हो जाएँ और उह पूर्ण पण छाडना पडे। जिज्ञासु वो नये विचारो यात्रागन करने के लिए मदा उद्यत रहना चाहिए।"