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विज्ञान के नये उच्छ्वास
67 गत हुई। रूम ने इसे साइवेरिया म ले जाकर परीक्षण किया। फास ने भी सहारा के रेगिस्तान के रेगोन नामक अज्ञात स्थान मे विस्फोट किया। ___ अद्यतन वज्ञानिक परिशोलन के नेय म रूस सर्वाच्च स्थान पर प्रतिप्ठित है। उसन अन्तर्वीपीय निक्षेपणास्त्र भी तैयार कर लिए हैं जो विज्ञान का तृतीय उच्छ्वास है। उद्जन वमा स भी भयकर नाईट्रोजन वम या कोवाल्ट वमो के निर्माण के स्वप्न मेंजाये जा रह हैं, एसाएक ही वम ससार कानप्ट करने के लिए पर्याप्त है । स्वेज नहर सकट के समय प्राकस्मिक रूपसे एक दिन रूस के भूतपूर्व प्रधानमत्री श्री चुलगानिन ने ब्रिटेन र फ्रास को सावधान करते हुए चुनौती दी थी कि "और अब ऐसे भी राष्ट्र हैं जिह ब्रिटेन के तटा पर जलसेना या वायुसेना भेजने की अावश्यकता नहीं। राकेट जसे शक्ति सम्पन्न प्रक्षेपण साधना स ही सहस्रो मील दूर से सेना का काम लिया जा सकता है" इही शब्दो से प्रिटेन और प्रास की सेनामा को विवश होकर स्वदेश की तरफ चरण बढ़ाने पडे ।।
काल का महाचक अप्रतिहत गति स चलता रहा है । वुलगानिन की उपयुक्त चुनौति स जनता का ध्यान हटा ही था कि अचानक 26 सितम्बर, 1957 को मुदूर प्रक्षेपणास्त्र की घोपणा करते हुए यह मूचित किया गया कि इम प्रस्न क द्वारा किसी भी महाद्वीप को नष्ट किया जा सकता है।
वनानिक उपलब्ध सभी विध्वंसक उपकरणो म सर्वाधिक शक्ति कथित शस्त्र की है, जो विना सचालक के ही 5500 मील तक की दूरीपर से लक्ष्य स्थान का भेद सकता है । इसे पृथ्वी से 600 मील तक की ऊँचाई तक ले जाकर प्रभीप्ट लक्ष्य की ओर छोडा जा सकता है। इससे जो विस्फोट होता है वह 20 30 मिनट म ही 1800 मील प्रति घट की गति से चलकर लक्षित स्थान को नप्ट-नष्ट कर दता है । न तो इससे रक्षा की जा सकती है प्रोरनकोई ऐसी शक्ति का अभी तक प्राविष्कार किया गया है, जो पाग म ही इसकी प्रक्नि को विफल कर दे। आज सम्पूण राष्ट्र इसो अस्त्र से भयानात है। रामायण या महाभारत में वर्णित आग्नेयास्त्र या ब्रह्मास्त्र की म्मृति सहज हो पाती है। ___ अक्तूबर सन् 1957 को बम ने 23 इच व्यास का एव 184 पौंड का गोलाकार उपग्रह इमी राकेट पर रखकर अतरिक्ष म छोडा था। इससे