________________
78
याधुनिक विनान और अहिंसा कियाज का वास्तविक दोग विज्ञान की अद्भुत शक्तियों के प्रयोग करने वाले व्यक्तियो का है, अनुसंधान कर्ता या वैज्ञानिकों का नहीं । अतः हीरोशिमा एव नागासाकी को प्रलय की विभीपिका मे निमज्जित करने का श्रेय अमेरिकी राजनीतिजो को ही दिया जाएगा। प्रत 1950 के नोबल पुरस्कार विजेता एव महान् दार्शनिक 'वर्टेण्ड रसल' का यह अभिमत ठीक ही है कि"मनुष्य अपनी कलुपिता मे पवित्र को भी अपवित्र कर रहा है। मनुप्य ही जीवनदायिनी नक्ति को जीवननागिनी बना न्हा है। मनुष्य ही विज्ञानससार को सर्वनाग की ओर ले जा रहा है। अन्यथा यह पागा व्यर्थ नहीं है कि विज्ञान इस कप्टपूर्ण ससार की काया पलट दे और सबके लिए एक नये सुखात्मक और शक्तिगाली स्वर्ग को जन्म दे।"
सक्षेप मे साराग यह हे-विज्ञान हमें इसलिए प्रेरित नहीं करता कि हम अगांति और वेदना का कारण बने, अपितु वह तो हमे उस स्थान पर पहुँचाता है, जहाँ हमारे मस्तिष्क को विकासावस्था प्राप्त होती है।