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सम्यक् चारित्र कमाने का कितना ज्ञान होगा ? आप को एक उपाय का ज्ञान है और आप मात्र उसी से लखपति बन जाते हैं, तो जिसको १००० । उपायों का ज्ञान हो, वह कितना धनपति होना चाहिए। अब वह लेखक पहुंचा प्रकाशक के पास तथा वहां जा कर बोला, " महाशय ! यह पुस्तक छपवाना चाहता हूं, प्रकाशक ने पुस्तक की रूपरेखा देखी और पाया कि वस्तुतः पुस्तक बहुत मल्यवान् है । इस के मुद्रित होने की देर है, धन की वर्षा ही होगी। एक वर्ष में ही २-४ संस्करण मुद्रित हो जाएंगे । प्रकाशक बोला, " आप को इस पुस्तक के लिए कितना धन चाहिए ?" "मुझे आप कुछ भी दे देना, परन्तु इस समय तो समस्या कुछ और है ।' लेखक ने ठंडे दिल से उत्तर दिया । "क्यों ?" पूछने पर वह बोला कि, "मेरी पुस्तक लगभग पूर्ण हो चुकी है । अब मात्र २-४ पृष्ठ ही लिखने शेष हैं तथा मेरे पैन की निब टूट चुकी है । स्याही तथा कागज़ की भी आवश्यकता है । इस के लिए मात्र २ रुपये की आवश्यकता है, शीघ्र दे दीजिए ! जिस से कि मैं पुस्तक आप को पूर्ण करके दे सकूं । प्रकाशक आश्चर्य चकित था, " वह बोला ! वाह ! १००० उपायों को जानते हो तथा मेरे से २ रुपये की याचना कर रहे हो। तुम ने नकल लगा कर तो पुस्तक नहीं लिखी ?" "बिल्कुल नहीं साहिब" मैं तो पुस्तक लिखने वाला हूं, उपाय आजमाने का काम आप लोगों का । फिर भी मैं पैसे कमाने का अन्तिम उपाय आजमा रहा हूं ।" प्रकाशक ने पुस्तक का अन्तिम पृष्ठ देखा, तो उस में लिखा था, कि जब-जब किसी भी प्रकार से पैसा न मिले, सभी उपाय फेल हो जाएं, तो यह अन्तिम उपाय करना चाहिए, कि भीख माँग लेनी चाहिए ।" लेखक बोला, "साहिब ! जल्दी में वैसे भी यही एकमात्र उपाय आजमाया जा सकता है ।"
हमारे भारत में ऐसे-ऐसे भिखारी हैं जिन के पास दो-तीन
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