Book Title: Yogshastra
Author(s): Yashobhadravijay
Publisher: Vijayvallabh Mission

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Page 311
________________ (२८५ योग शास्त्र आदमी के पास तो टांग भी नहीं है । तूने कम से कम मुझे टांग तो दी हैं । मैं इससे तो अच्छा हूं । यह बिना टांगों से जी सकता है तो क्या मैं जूते के बिना नहीं जी सकता । वह अपने से नीचे देख कर ही सन्तोष को धारण कर सका । दूसरों की कारों को देखने की आवश्यकता नहीं है । जिस को भोजन भी नसीब नहीं है उस को देखने की जरूरत है । आज कल कम्युनिज्म का विश्व में विस्तार क्यों हो रहा है ? कम्युनिज्म राष्ट्रोत्थान सिखाता है । कम्युनिज्म कहता है कि आप के पास जो कुछ हैं, यह सब राष्ट्र से ही मिलता है । आप उस के अधिपति नहीं बन सकते । उसे राष्ट्र के नाम ही अर्पित कर दो। आप को चिकित्सा, शिक्षा तथा मकान आदि 'फ्री' मिलेगा | यह राष्ट्रवाद कम्युनिज्म व्यक्ति को राष्ट्रवादी बनाता है । जब स्वयं के लिए कुछ भी नहीं है तो हड़तालें, आंदोलन, समानांतर अर्थव्यवस्था, यह सब न होगा । मानव स्वतः अपरिग्रही बन जाएगा । 1 भगवान् महावीर की दृष्टि मात्र राष्ट्रवाद तक ही सीमित नहीं थी । वे तो कहा करते थे कि जो कुछ आप के पास है, वह समाज तथा व्यक्तियों में बांट दो । अपने पास तो मात्र आव श्यकता पूर्ति की वस्तुएं रखो । शेष सब कुछ दूसरों की आवश्यकता पूर्ति पर लगा दो । आवश्यकता से अधिक मत रखो। कहीं ऐसा न हो कि कभी कम्युनिस्ट देश आप को जबरदस्ती यह शिक्षा दें एवं आप को मानना पड़े । यदि आप स्वयं दूसरों को दे देंगे तो आप को अपरिग्रह व्रत का लाभ होगा । अन्यथा किसी के द्वारा आप का धन छीन लिए जाने पर आप को जो दुःख होगा. उससे विशेष कर्मबन्ध ही होगा । आप यदि खाने के लिए कमाते हैं तो खाते क्यों है । सभा में Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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