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[२२१ योग शास्त्र जिस का दुष्प्रभाव अत्यधिक होता है । कई लोग तो अपने प्रिय को मृत्यु की सूचना पाकर स्वयं ही मर जाते हैं। एक अप्रैल के दिन एप्रिल फल बनाने वाले भी कुछ ऐसा ही करते रहते हैं। एक कवि ने कहा था- रोग का घर खांसी, लड़ाई का घर हासी।
मजाक जब सीमा से बाहर हो जाता है तो कई बार वह चुभने लगता है। कटाक्षों तथा व्यंग्यों को भी कोई सीमा होती है । हंसी मजाक में ही कई लोग हिंसक कलह तक उतर आते हैं ।
हंसी मजाक में प्रायः झूठ का ही आश्रय लेना पड़ता है। हंसो मजाक अनर्थ दण्ड भी है अतः इस का त्याग करना चाहिए। ____ मजाक में किसी की वस्तु के अभाव में व्याकुल होता देख कर आनन्दित होना तथा पूछने पर कहना कि मैंने तो तेरी वस्तु देखी ही नहीं, यह सफेद झूठ मजाक के कारण होता है। किसी के मजाक से मम्मन सेठ, दरिद्रणारायण या (व्यङग्य में) बुद्धिमान् या मूर्ख कहते रहने से भी उस के हृदय पर बहुत असर होता है। .
. बिना सोचे बोलने से :-यह झूठ अनायास ही बोल दिया जाता है, किसी ने कुछ पूछा तथा आप को कुछ ख्याल नहीं है तो आप से कुछ भी वचन निकल ही जाएगा ! अतः पूरी तरह से सोच-विचार कर उत्तर देना चाहिए। बिना विचार किए किसी के प्रति कुछ भी गलत कहते जाना महामूर्खता का लक्षण है। ऐसा करने वाला उस को अपना शत्रु बना लेता है तथा जीवन में कभी न कभी अवश्य ही पश्चात्ताप करता है। कोई भी कार्य अविचार से तथा जल्दबाजी से नहीं करना चाहिए । सहसा की गई क्रिया का परिणाम कभी-कभी बहुत भयंकर होता है।
हो सके तो कम से कम बोलो। कम बोलेंगे तो असत्य भी
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