Book Title: Tulsi Prajna 2006 01
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

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Page 27
________________ लक्ष्मीचन्द्र जैन अनुपम जैन अनुपम जैन लक्ष्मीचन्द्र जैन R.C. Gupta राधाचरण गुप्त Parmeshvar Jha अनुपम जैन अनुपम जैन 22 1980 Jain Education International 1985-86 जैन गणितीय साहित्य, तुलसी प्रज्ञा (लाडनूँ) 11(3)पृ. 3-16, 12 (2), पृ. 36-46, पुनर्मुद्रित अर्हत् वचन ( इन्दौर), 1 (1) पृ. 19–40 1986-87 जैन आगमों में निहित गणितीय अध्ययन के विषय, तुलसी प्रज्ञा (लाडनूँ), 12 (4) पृ. 57–65, 13 (1), पृ. 37-43 गणितानुयोग प्रस्तावना, अन्तर्गत गणितानुयोग संकलन - मुनि कन्हैयालाल कमल, अहमदाबाद, पृ. 976 1986 1986 1987 Contribution of Jainacaryas to Mathematies and Astronomy, Arhat Vacana (indore). 1 ( 1 ) pp. 163-172 गणित के विकास में जैनाचार्यों का योगदान, मेरठ, वि. वि. मेरठ में प्रस्तुत Ph. D. शोध प्रबन्ध जैन आगमों में गणित, जैन भारती, 48 (9), पृ. 14-21 हमने जैन विश्वभारती संस्थान के सहयोग से अर्द्धमागधी आगमों में निहित गणितीय तुलसी प्रज्ञा अंक 130 आगमों में गणितीय सामग्री तथा उनका मूल्यांकन, तुलसी प्रज्ञा (लाडनूँ), 6 (9), T. 35-69 1988 1992 2000 Jinabhadra Gani and Segment of a Circle between Two Parallel Chords, Ganita Bharati (Delhi) 7 (1-4). p. 2526 जिनभद्रगणि के एक गणितीय सूत्र का रहस्य, आस्था एवं चिंतन, (दिल्ली) खण्ड जैन प्राच्य विद्यायें, पृ. 60-62 For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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