Book Title: Tulsi Prajna 2006 01
Author(s): Shanta Jain, Jagatram Bhattacharya
Publisher: Jain Vishva Bharati

View full book text
Previous | Next

Page 37
________________ एक मोटी पट्टी बनी हुई है, उसी पट्टी के कारण स्वप्न आते हैं। वैज्ञानिक कसाटकिन ने अनेक परीक्षणों से यह सिद्ध किया है कि जिसे हम स्वप्न कहते हैं, वह असल में मस्तिष्क की सक्रिय कोशिकाओं की बाह्य परत का ही कमाल है। यदि स्वप्न न हो तो नींद का होना असंभव या अनावश्यक हो जाता है । यह एक अहं प्रश्न है कि सपने आंखें देखती हैं या दिमाग ? अगर सपने आखें देखती है तो नेत्रहीन व्यक्ति सपने देख सकते हैं या नहीं ? प्रोफेसर राबर्ट ने यह सिद्ध कर दिया है कि मस्तिष्क के न्यूरोन्स नींद की अवस्था में आंखों के पार्श्वभाग को दुनिया की तस्वीर पलटकर दिखलाते हैं । वैज्ञानिकों की यह खोज भी आश्चर्यजनक है कि सिगरेट न पीने वालों को अधिक सपने आते हैं । पूर्वाभास और स्वप्न स्वप्न अतीत की घटनाओं का ही संकेत नहीं देते, पूर्वाभास के साथ भी उनका गहरा सम्बन्ध है । मनुष्य का अचेतन मन स्वप्न के माध्यम से भविष्य को पहले ही देख लेता है। आगमों में अनागत को जानने के आठ कारणों में स्वप्न को एक कारण माना है । जोसेफ को भविष्य में आने वाले संकटों का पूर्वाभास स्वप्नों के माध्यम से हो जाता था । अरस्तू ने हजारों वर्ष पूर्व यह घोषणा की थी कि स्वप्नों के माध्यम से शारीरिक व्याधियों एवं परिवर्तनों का ज्ञान पहले ही किया जा सकता है। स्वप्न न केवल भविष्यवाणी करते हैं, अपितु अनेक सच्चाइयों को उजागर करते हैं । परामनोवैज्ञानिकों का कहना है कि अतीन्द्रिय प्रत्यक्षण की क्षमता वयस्कों की अपेक्षा बालकों में अधिक होती है। स्वप्न द्वारा भविष्य- ज्ञान की कुछ घटनाओं का यहां संकेत किया जा रहा है I 32 ● अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहिम लिंकन, क्लियोपैटा के प्रेमी सीजर और हेनरी तृतीय को अपनी हत्या का पूर्वाभास स्वप्न में हो गया था । सिलाई मशीन के खोजकर्ता एलियास हो को सुई का विचार स्वप्न में प्रतीक के माध्यम से आया । अमेरिका की प्रसिद्ध रेडरौक खदान का आभास स्वप्न में हुआ । विनफील्ड स्फाट स्ट्राटन को स्वप्न में देवदूत ने सोने की खान का स्थल बताया। जागने पर वैटिल पहाड़ पर उसने स्वप्न में निर्दिष्ट स्थान को खोज लिया। खुदाई करते ही उसे सोना दिखाई दिया। आज वह स्वर्ण खदान एशिया में दूसरे नम्बर पर आती है, जबकि सन् 1974 में भूगर्भशास्त्रियों ने उस स्थल का परीक्षण करके यह घोषणा की थी कि यहां केवल लाल पथरीली भूमि है। तुलसी प्रज्ञा अंक 130 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122