Book Title: Tattvartha Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti

View full book text
Previous | Next

Page 12
________________ अनु. २१ २२ २३ २४ ૨૫ ૨૬ २७ २८ ૨૯ ३० ૩૧ ३२ 33 ३४ ૩૫ 3 ३७ विषय ३८ भगवान् अरिहन्त भगवन्त हो जारह परीषह होने का नि३पासू- १० जाहरसम्पराय प्रो सज परीषह डा संभव प्रा नि३पएा सू-११ ज्ञानावर परिषहों का नि३पएा सू-१२ हर्शन मोहनीय अन्तराय र्भ डे उध्य से श्रमश में दर्शन और जलाल परीषह डी उत्पत्ति प्रा नि३पासू- १3 यारित्रमोहनीयर्भ डे निमित्त से होनेवाले सात निमित्त से होने वाले हो परिषहों प्राथन सू-१४ वेहनीय उध्य से होने वाले ग्यारह परीषहों प्राथन सू-१५ जे भुवो जेड ही डाल मे होने वाले परीषहों पांय शुव्रता नि३पासू-३०-३७ भारएशांति संलेजना प्रानि३पासू-३८ सम्यग्द्दष्टि पांय अतियार प्रा नि३पा सू-४० शुव्रत जेवं हिव्रत के पांय अतियार डा नि३पा सू-४१-४२ तीसरे सुव्रत स्तेनाहृताहि पांथ खतियारों प्रानि३पासू-४ ४० ३८ योथे शुव्रत पांय अतियार प्रा नि३पएा सू-४४ पांथवे शुव्रत पांय अतियार डा नि३पाएा सू-४५ हिग्विरत्याहि सात शिक्षाव्रत डे पांय पांथ ૪૧ जतियारों का नि३पएा सू-४६ प्राथन सू-१९ हिंसाहि से निवृत्ति आहि व्रतो हा नि३पाएा सू-१७-२४ हिंसा के स्व३प नि३पासू-२५ मृषावाडा नि३पासू-२६ स्तेय प्रा स्व३प नि३पएा सू-२७ मैथुनानि३पासू-२८ परिग्रहा नि३पासू-२८ શ્રી તત્વાર્થ સૂત્ર : ૨ पाना नं. ८० ८१ ८३ ८४ ८य ८७ ८८ ૮૧ ૯૨ ૯૫ ८८ १०० १०१ १०५ १०६ १०८ ૧૧૬ ૧૧૮ १२२ १२४ १२७

Loading...

Page Navigation
1 ... 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 113 114 115 116 117 118 119 120 121 122 ... 336