Book Title: Syadyarthaprakash
Author(s): Lavanyasuri
Publisher: Vijaylavanyasurishwar Gyanmandir Botad
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पृष्ठे
१६६
१६७
१६८
१७१
१७१
१७५
१८०
१५३
१८४
पंक्ती
५५
६१
४६
५
६
१७
३१
४४
[]
अशुद्धम्
ध्याप्यत्व
विवणवाक्ये
निवेशते
-फोश
कस्तूरी प्राप्तवं
क्रियायां
नराणां
विभविभवित
कथमपि प्रमा
शुद्धम्
व्याप्यत्व
विवरणवाक्ये
निविशते
-फोष
कस्तूरी प्राप्त्यर्थं
क्रियाया:
तदा नराणां
विभक्ति
कथमपि प्रथमा

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