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कल्प, सुबो
व्या० ७
॥१४५॥
बेंतालीस हजार वर्ष न्यून एवा छासठ लाख छबीस हजार वर्षे अधिक एकसो सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, तेवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ९० । श्रीसुविधिनाथना निर्वाणथी नव कोडी सागरोपमें श्रीशीतल निर्वाण, तिवारपछी बेतालीस हजार वर्ष त्रण वर्ष साडाआठमास एटला न्यून, एक कोडी सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, तिवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ९ । श्रीचंद्रप्रभुना निर्वाणथी नेवु कोडी सागरोपमे श्रीसुविधि निर्वाण, तिवारपछी बेंतालीस हजार वर्ष त्रण वर्ष साडा आठ मास एटला न्यून दश कोडी सागरोपमें, श्रीवीर निर्वाण, तिवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ८ । श्रीसुपार्श्वना निर्वा णथी नवसें कोडी सागरोपमें श्रीचंद्रप्रभ निर्वाण, तिवारपछी बेंतालीस हजार वर्ष त्रण वर्ष साडाआठ मास एटलें न्यून एकसो क्रोड सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, तिवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ७ । श्रीपद्मप्रभना निर्वाणथी नव हजार कोडि सागरोपमें श्रीसुपार्श्व निर्वाण, तिवारपछी त्रण वर्षे साडाआठ मास तथा बेंतालीस हजार वर्ष ओछा एक हजार क्रोड सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, तेवारपछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ६ । श्रीसुमतिनाथना निर्वाणथी नेवु हजार क्रोड सागरोपमें श्रीपद्मप्रभ निर्वाण, तिवार पछी त्रण वर्ष साडा आठ मास बेंतालीस हजार वर्ष ओछा दश हजार क्रोड सागरोपमें श्रीवीर निर्वाण, पछी नवसो एंसी वर्षे पुस्तकवाचनादि ५ । श्रीअभिनंदनना निर्वाणथी नव लाख क्रोड सागरोपमें श्रीसुमति
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श्रीजिनानां पुस्तकलि
खनस्य चा
न्तराणि
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