Book Title: Shubh Sangraha Part 03
Author(s): Bhikshu Akhandanand
Publisher: Sastu Sahityavardhak Karyalay

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Page 8
________________ 0 000 . ................. भारतके आधुनिक समर्थ जीव ...............................0 .......atonasna ........................ ....... . ....................... . समरथ लोग आज भारतके, सच्चे वही कहाते हैं। देशजाति गौरव निजका तज, परको जो अपनाते हैं। रीति नीति निज भाषा छोडी, वेष पराय बनाते हैं। सुन अपनेको भारतवासी' अतिशय वे सकुचाते हैं। घृणा द्वेष थू छी छी कर, निज भाईको ठुकराते हैं। गौरप्रभू को लखकर मानो, इष्टदेव मिल जाते हैं। नख सिख धारे वस्त्र पश्चिमी, खबर सुन कुढ जाते हैं। देश जातिकी सेवा-पथसे, शुभ विचार मुड जाते हैं। हिन्दू हिन्दी बेद शास्त्र सुन, क्रोधानल वर्षाते हैं । नास्तिक भाव भरी गप-गीता, सुनकर अति हर्षाते हैं।। राम कृष्ण शिव शिवा नाम सुन,अचरजमय अठलाते हैं। लॉर्ड देव मिस देवीके ये, परम भक्त कहलाते हैं। सर्व भावसे परको ये, भारतवासी अनुसरते हैं। पुच्छविषाणहीन पशु ऐसे, प्रायः इहां विचरते हैं। ...................... CONNOIDALI ......................... .................. ........ .. * “विश्वमित्र" ना एक अंकमा लेखकः-श्री. शंकरलाल शर्मा 'विशारद' PARIORAMMARIOMeam is coach cac co gai nhacsongcachsansactional assista Shree Sudharmaswami Gyanbhandar-Umara, Surat www.umaragyanbhandar.com

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