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दार्शनिक एवं धार्मिक दृष्टिय
(४) स्वरूप बोधक (५) जगत् विषयक
(६) ईश्वर से सम्बन्धित
(७) भक्त से सम्बद्ध
(८) काल
( ९ ) अवतार से सम्बद्ध
१. निर्गुण स्वरूप के प्रतिपादक
इस वर्ग में वैसे नामावलियों को के निर्गुणस्वरूप को उद्घाटित करते हों। जा रहा है
कृष्ण
अव्यक्त, अव्यय (१.८.१९), अलक्ष्य (१.८.१८), आत्माराम (१.८.२७), अकिंचन (१.८.२६), अगोचर (१.८.२६), अनादि (१.८.२८), अज (१.८.२३), अनन्त (१०.३७.२३), अप्रमेयात्मन् (१०.३७.११), अव्यक्त शक्ति (१०.१६), अद्वय (१०.५९ ), अखण्ड ( ४.९.१४ ), आत्माराम ( १.८.२७), आविरात्मा (१.९), आनन्दस्वरूप (१०.३.३१), कूटस्थ ( १०.१६), निर्गुण (१०.३.२४), निर्विकार ( १०.३.२४), निरीह ( १०.३.२४), निरंजन (१०.५), परमात्मन् (१०.१६), पुरुष (१०.१०.२९, १.१.१८ ), विशुद्धसत्त्व ( १०.२७.४), ब्रह्मज्योति (१०. .३.२४), विशुद्ध विज्ञानघन (१०.३७.२३), विशुद्धज्ञानमूर्ति (१०.३७), शान्त (१.८.२९), सत्यव्रत (१०.२.२६) ।
से
१५५
रखा गया है जो भक्तों के उपास्य कुछ प्रमुख नामों को उद्धृत किया
सम्बद्ध नाम
अखिल गुरु १.८, कृष्ण १.८, गोविन्द १.८, गोपिकानन्दन १०.३१, जगद्गुरु १.८, नन्दगोपकुमार १.८, नारायण १०.३१, वासुदेव १.८, साक्षात्पुरुष १०.३.३१ ।
स्वरूप बोधक
१.८,
महायोगिन् १.८.९, पङ्कजनाभ १.८, पङ्कजमालिन पङ्कजनेत्र १.८, पङ्कजाङ्घ्रि, वेदगर्भ ३.३३.८ ( कपिल का नाम ) शंखचक्रगदाधार ।
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जगत् से संबंधित नाम
अखिलवास १०.३७, अखिल गुरु १.८, भूतवास १०.१६, विश्वात्मा १०.१६, विश्वमूर्ति १०.१६, विश्वेश १०.१६, लोकनाथ १०.२७, विश्वगोप्ता १०. ३१, सर्वबीज १०.२७ ।
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