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उवक्क माणुयोगद्दारे ट्ठिदिउदीरणा
( १४९ ज.दिदि विसेसाहिया। अरदि-सोगाणं जहण्णढिदिउदीरणा विसेसाहिया, । ज०द्विदि विसेसाहिया। भय-दुगुंछाणं जहण्णढिदिउदीरणा विसेसाहिया। ज०ट्रिदि विसेसाहिया । बारसणं कसायाणं जहणिया दिदिउदीरणा तत्तिया चेव । ज०टिदि विसेसाहिया। सम्मामिच्छत्तस्स जहण्णढिदिउदोरणा विसेसाहिया। जट्ठिदि विसेसाहिया। देवगदीए जहण्णढिदिउदीरणा संखेज्जगुणा। ज० द्विदि विसेसाहिया । देवगदिपाओग्गाणु० विसे०। जटिदि विसेसाहिया। णिरयगइ० विसे । ज०द्विदि विसे० । णिरयगइपाओग्गाणु० विसे० । ज.दिदि विसे० । आहारदुग० संखेज्जगुणा। जद्विदि विसेसाहिया। एवमोघजहण्णप्पाबहुअं समत्तं । णिरयगईए सम्मत्त-मिच्छत्त-णिरयाउआणं जहण्णद्विदिउदीरणा थोवा, जटिदिउदी० असंखेज्जगुणा। सम्मामिच्छत्तस्स जहण्णटिदिउदीरणा असंखेज्जगुणा, जट्ठिदि विसेसाहिया। वेउब्वियसरीर-णिरयगईणं जहण्णट्ठिदिउदीरणा संखेज्जगुणा, जटिदि विसेसाहिया। अजसगित्तीए जहण्णट्ठिदिउदीरणा विसेसाहिया, ज०ट्ठिदि विसेसाहिया। णीचागोदस्स जहण्णट्ठिदिउदीरणा विसेसाहिया, ज० ट्ठिदिउदीरणा विसेसाहिया।तेजाकम्मइयाणं जहण्णट्ठिदिउदीरणा विसेसाहिया, जछिदि, विसेसाहिया। सादस्स जहण्णट्ठिदिउदीरणा विसेसाहिया, ज०ट्ठिदि विसेसाहिया । असादस्स जहण्णट्ठिदि
विशेष अधिक है। अरति और शोककी जघन्य स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है, ज-स्थितिउदीरणा विशेष अधिक है। भय और जुगुप्साकी जघन्य स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। बारह कषायोंकी जघन्य स्थिति-उदीरणा उतनी मात्र ही है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। सम्यग्मिथ्यात्वकी जघन्य स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है । देवगतिकी जघन्य स्थिति-उदीरणा संख्यातगणी है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। देवगतिप्रायोग्यानपूर्वीकी जघन्य स्थिा विशेष अधिक है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। नरकगतिकी जघन्य स्थिति-उदीर विशेष अधिक है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। नरकगतिप्रायोग्यानुपूर्वीकी जघन्यस्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है । आहारद्विककी जघन्य स्थिति-उदीरणा संख्यातगुणी है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। इस प्रकार ओघ जघन्य अल्पबहुत्व समाप्त हुआ।
नरकगतिमें सम्यक्त्व, मिथ्यात्व और नारकायकी जघन्य स्थिति-उदीरणा स्तोक है; जस्थिति-उदीरणा असंख्यातगुणी है। सम्यग्मिथ्यात्वकी जघन्य स्थिति-उदीरणा असंख्यातगुणी है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। वैक्रियिकशरीर और नरकगतिकी जघन्य स्थितिउदीरणा संख्यातगुणी है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है । अयशकीर्तिकी जघन्य स्थितिउदीरणा विशेष अधिक है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है । नीचगोत्रकी जघन्य स्थितिउदीरणा विशेष अधिक है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। तैजस और कार्मण शरीरकी जघन्य स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है। सातावेदनीयकी जघन्य स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है, ज-स्थिति-उदीरणा विशेष अधिक है । असातावेदw.jainelibrary.org