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उवक्कमाणुयोगद्दारे ट्ठिदिउदीरणा
( १६९
सव्वत्थोवा अवत्तव्वउदीरया। असंखेज्जभागहाणीए संखेज्जगुणा । ओरालियसरीरअंगोवंगस्स सम्वत्थोवा असंखेज्जगुणहाणीए उदीरया । संखेज्जगुणहाणीए असंखेज्जगुणा। संखेज्जभागहाणीए असंखेज्जगुणा । संखेज्जगुणवड्ढीए असंखेज्जगुणा । संखेज्जभागवड्ढीए संखेज्जगुणा । अवत्तव्वउदीरया असंखेज्जगुणा। असंखेज्जभागवड्ढीए संखेज्जगुणा । अवट्टिदउदीरया असंखेज्जगुणा। असंखेज्जभागहाणीए संखेज्जगुणा। आहारसरीरअंगोवंगस्स आहारसरीरभंगो। वेउव्वियसरीरअंगोवंगस्स वेउव्वियसरीरभंगो। समचउरससंठाणस्स सव्वत्थोवा असंखेज्जगुणहाणी०। ( संखेज्जगुणहाणी० ) असंखेज्जगुणा । संखेज्जभागवड्ढीए असंखेज्जगुणा। अवत्तव्वउदीरया असंखेज्जगुणा। संखेज्जगुणवड्ढोए संखेज्जगुणा। संखेज्जभागहाणीए संखेज्जगुणा । असंखेज्जभागवड्ढीए संखेज्जगुणा। अवट्ठिदउदीरया असंखेज्जगुणा । असंखेज्जभागहाणीए संखेज्जगुणा। णग्गोहपरिमंडलसंठाणस्स सव्वत्थोवा असंखेज्जगुणहाणिउदीरया। अवत्तव्वउदीरया असंखेज्जगुणा । संखेज्जभागवड्ढीए संखेज्जगुणा। संखेज्जगुणवड्ढीए संखेज्जगुणा। संखेज्जगुणहाणीए संखेज्जगुणा। संखेज्जभागहाणीए संखेज्जगुणा। असंखेज्जभागवड्ढीए संखेज्जगुणा। अवट्ठिदउदीरया असंखेज्जगुणा। असंखेज्जभागहाणीए संखेज्जगुणा। एवं सादिय-वामण-कुज्जसंठाणाणं। हुंडसंठाणस्स ओरालियसरीरभंगो।
हैं। औदारिकशरीरअंगोपांगके असंख्यातगुणहानिके उदीरक सबसे स्तोक हैं। संख्यातगुणहानिके उदीरक असंख्यातगुणे हैं। संख्यातभागहानिके उदीरक असंख्यातगुणे हैं। संख्यातगुणवृद्धिउदीरक असंख्यातगुण हैं। संख्यातभागवृद्धिउदीरक संख्यातगुणे हैं। अवक्तव्यउदीरक असंख्यातगुणे हैं। असंख्यातभागहानिउदीरक संख्यातगुणे हैं। अवस्थितउदीरक असंख्यातगुणे हैं। असंख्यातभागहानि उदीरक संख्यातगुणे हैं। आहारकशरीरअंगोपांगकी प्ररूपणा आहारकशरीरके समान है। वैक्रियिकशरीरअंगोपांगकी प्ररूपणा वैक्रियिकशरीरके समान है। समचतुरस्रसंस्थानके असंख्यातगुणहानिउदीरक सबसे स्तोक हैं। संख्यातगुणहानिउदीरक असंख्यातगुणे हैं। संख्यातभागवृद्धिके उदीरक असंख्यातगुणे हैं । अवक्तव्यउदीरक असंख्यातगणे हैं। संख्यातगणवृद्धिउदीरक संख्यातगणे हैं। संख्यातभागहानिउदीरक संख्यातगणे हैं। असंख्यातभागवृद्धिउदीरक संख्यातगुणे हैं। अवस्थित उदीरक असंख्यातगुणे हैं । असंख्यातभागहानिउदीरक संख्यातगुणे हैं। न्यग्रोधपरिमंडलसंस्थानके असंख्यातगुणहानिउदीरक सबसे स्तोक हैं । अवक्तव्य उदीरक असंख्यातगुणे हैं। संख्यातभागवृद्धिउदीरक संख्यातगुणे हैं । संख्यातगुणवृद्धिउदीरक संख्यातगुणे हैं। संख्यातगुणहानि उदीरक संख्यातगणे हैं। संख्यातभागहानिउदीरक संख्यातगुणे हैं । असंख्यातभागवृद्धि उदीरक संख्यातगुणे हैं। अवस्थितउदीरक असंख्यातगुणे हैं । असंख्यातभागहानिउदीरक संख्यातगुणे हैं। इसी प्रकार स्वाति, वामन और कुब्जक संस्थानोंकी प्ररूपणा करना चाहिये । हुण्डकसंस्थानकी प्ररूपणा औदारिकशरीरके समान है। वज्रर्षभवज्रनाराचशरीरसंहननकी प्ररूपणा न्यग्रोधपरिमंडलसंस्थानके समान है। शेष संहननोंकी
४ ताप्रती ' असंखे० (गुणा-)' इति पाठः। * काप्रतौ 'सव्वत्थोवा असखेज्जगुणहाणी
असंखेज्जगुणा', ताप्रतौ 'सव्वत्थोवा असंखे० गुणहाणी० असंखे० गुणा ?' इति पाठः । Jain Education International For Private & Personal Use Only
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